ETV Bharat / bharat

इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त करने के संबंध में दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे: केन्द्र

जांच एजेंसियों के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए जाने के संबंध में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इस संबंध में समिति गठित की जा रही है. पढ़िए पूरी खबर... Supreme Court,seizure of electronic devices

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By PTI

Published : Dec 6, 2023, 4:37 PM IST

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसियों द्वारा फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए जाने को लेकर समिति गठित की जा रही है और दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे. उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को केंद्र से कहा था कि वह लोगों, विशेषकर मीडिया कर्मियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये जाने पर दिशानिर्देश जारी करे. न्यायालय ने साथ ही इसे गंभीर विषय करार दिया.

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल एवं न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ से कहा, 'इस मामले में मुझे दिशानिर्देशों के साथ आना था. समिति गठित की जा रही है और हम दिशानिर्देश तैयार करेंगे.' अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने पीठ से कुछ वक्त की मोहलत मांगी. पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें से एक याचिका 'फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशेनल्स' ने दायर कर जांच एजेंसियों द्वारा तलाशी एवं डिजिटल उपकरणों की जब्ती के लिए व्यापक दिशानिर्देश का अनुरोध किया है.

एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील नित्या रामकृष्णन ने दिशानिर्देश बनाने में केन्द्र की ओर से विलंब होने का मामला उठाया. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, 'श्रीमान राजू, क्या समस्या है? इस समयसीमा की समाप्ति का कोई वक्त होगा?' इस पर एएसजी ने अपने उत्तर में कहा, 'जहां तक इसका सवाल है तो हमें उम्मीद है कि कुछ दिशानिर्देश बनेंगे.' पीठ ने कहा कि एक याचिका में नोटिस जारी किए हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, तब एएसजी ने कहा, 'हम आशावान हैं, वे सुझाव दे सकते हैं और हम उन पर विचार करेंगे.'

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने पहले ही सुझाव दे दिए हैं, 'आप दिशानिर्देश कब पेश करेंगे'? इस पर राजू ने कहा कि वह अगले सप्ताह आएंगे... पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख निर्धारित की. वरिष्ठ वकील रामकृष्णन ने कहा न्यूजक्लिक मामले के बाद से कम से कम 90 पत्रकारों से 300 उपकरण जब्त किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'उनके पास उपकरण नहीं हैं इसलिए वे काम नहीं कर पा रहे हैं. ये सरासर प्रेस की स्वतंत्रता तथा शिक्षण की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है और वे इसे जारी रखना चाहते हैं. इसीलिए वे इसमें अंतहीन विलंब कर रहे हैं.' एएसजी ने पीठ को सूचित किया कि समिति गठित की जा रही है और वह प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश करेंगे.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के समक्ष संवेदनशील मामलों में बेंचों के बदलाव पर CJI को पत्र

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसियों द्वारा फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए जाने को लेकर समिति गठित की जा रही है और दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे. उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को केंद्र से कहा था कि वह लोगों, विशेषकर मीडिया कर्मियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये जाने पर दिशानिर्देश जारी करे. न्यायालय ने साथ ही इसे गंभीर विषय करार दिया.

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल एवं न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ से कहा, 'इस मामले में मुझे दिशानिर्देशों के साथ आना था. समिति गठित की जा रही है और हम दिशानिर्देश तैयार करेंगे.' अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने पीठ से कुछ वक्त की मोहलत मांगी. पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें से एक याचिका 'फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशेनल्स' ने दायर कर जांच एजेंसियों द्वारा तलाशी एवं डिजिटल उपकरणों की जब्ती के लिए व्यापक दिशानिर्देश का अनुरोध किया है.

एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील नित्या रामकृष्णन ने दिशानिर्देश बनाने में केन्द्र की ओर से विलंब होने का मामला उठाया. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, 'श्रीमान राजू, क्या समस्या है? इस समयसीमा की समाप्ति का कोई वक्त होगा?' इस पर एएसजी ने अपने उत्तर में कहा, 'जहां तक इसका सवाल है तो हमें उम्मीद है कि कुछ दिशानिर्देश बनेंगे.' पीठ ने कहा कि एक याचिका में नोटिस जारी किए हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, तब एएसजी ने कहा, 'हम आशावान हैं, वे सुझाव दे सकते हैं और हम उन पर विचार करेंगे.'

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने पहले ही सुझाव दे दिए हैं, 'आप दिशानिर्देश कब पेश करेंगे'? इस पर राजू ने कहा कि वह अगले सप्ताह आएंगे... पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख निर्धारित की. वरिष्ठ वकील रामकृष्णन ने कहा न्यूजक्लिक मामले के बाद से कम से कम 90 पत्रकारों से 300 उपकरण जब्त किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'उनके पास उपकरण नहीं हैं इसलिए वे काम नहीं कर पा रहे हैं. ये सरासर प्रेस की स्वतंत्रता तथा शिक्षण की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है और वे इसे जारी रखना चाहते हैं. इसीलिए वे इसमें अंतहीन विलंब कर रहे हैं.' एएसजी ने पीठ को सूचित किया कि समिति गठित की जा रही है और वह प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश करेंगे.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के समक्ष संवेदनशील मामलों में बेंचों के बदलाव पर CJI को पत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.