नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि सांसदों को संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए. भारतीय संसद की समृद्ध विरासत की याद में संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में खड़गे ने संविधान सभा की बैठकों को याद किया. उन्होंने कहा कि इसी कक्ष में इसका आयोजन किया गया था.
खड़गे ने यह भी कहा कि सांसदों के सामूहिक प्रयासों ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया. उन्होंने कहा, 'संविधान की सफलता संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों को कायम रखने में निहित है.' खड़गे ने कहा, 'जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, हमें संवैधानिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए.
अपने राजनीतिक दलों को भूलकर, हमें राष्ट्र के निर्माण, संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक होना चाहिए. यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए.' कांग्रेस नेता ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के योगदान को भी याद किया.
उन्होंने जीवी मावलंकर और एस राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की और संविधान सभा, अस्थायी संसद और उसके बाद की सभी लोकसभा के सदस्यों के सामूहिक योगदान को याद किया. खड़गे ने लोकसभा में अपने भाषण में पंडित जवाहर लाल नेहरू को याद करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने कहा, 'यह सेंट्रल हॉल पंडित नेहरू के ट्रिस्ट विद डेस्टिनी भाषण का गवाह था और कल प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषण में इसका जिक्र किया था. मैं आपका आभारी हूं कि आपने ऐतिहासिक भाषण को याद रखा.' लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मंगलवार को समारोह के लिए पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में एकत्र हुए.