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एक नौजवान का सराहनीय काम, सोने के गहने गिरवी रखकर बनाया कोविड अस्पताल

पूरे महाराष्ट्र राज्य में कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हुई है. अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की कमी है. पुणे में भी कोरोना की भयावह स्थिति है. ऐसे हालात में रोगियों और उनके परिवार की परेशानी को कम करने के लिए रोगी अधिकार परिषद के प्रमुख उमेश चव्हाण नामक नौजवान ने अपनी पत्नी और मां के गहने गिरवी रखकर कोविड अस्पताल बना डाला.

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Published : May 6, 2021, 5:16 PM IST

पुणे : नौजवान उमेश द्वारा बनाए गए छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड अस्पताल में 53 बेड हैं और ऑक्सीजन बेड की सुविधा मरीजों को जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने करीब 35 औंस सोने के गहने गिरवी रखकर कोविड अस्पताल का निर्माण किया है.

पुणे में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण बेड की भारी कमी है. कुछ अस्पतालों में 3 रोगियों के इलाज के लिए 1 बिस्तर साझा किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड स्पताल निर्माण चव्हाण द्वारा 35 औंस सोने को गिरवी रखकर किया गया है और इसके लिए 30 लाख रुपये तक का संग्रह किया गया था.

उनके कई मित्रों ने नेक काम के लिए योगदान दिया है. रोगी अधिकार परिषद के प्रमुख उमेश चव्हाण ने अपने सहकर्मियों की मदद से 7 दिनों के निरंतर परिश्रम से यह शानदार काम किया है. इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस अच्छे काम का समर्थन करने के लिए उनके कई दोस्तों ने मदद का हाथ बढ़ाया.

इस अस्पताल में 33 ऑक्सीजन बेड और 20 सामान्य बेड हैं. डॉ. सलीम अल्टेकर, डॉ. किशोर चिपोले, गिरीश गर्ग, कुणाल तिंगरे, अपर्णा साठे ने इस अस्पताल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉ. आशीष भारती, पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य प्रमुख और डॉ. सिद्धार्थ धेंदे, पूर्व डिप्टी मेयर और डॉ. अमोल देवलेकर ने इस कोविड अस्पताल की स्थापना में बहुत मदद की.

यह भी पढ़ें-दिल्ली को पहली बार मिली 700 टन ऑक्सीजन, केजरीवाल ने पीएम मोदी को कहा धन्यवाद

रोगी अधिकार परिषद के माध्यम से पिछले कई वर्षों से हम अन्य अस्पतालों में उचित दरों पर रोगियों को अच्छी गुणवत्ता की सुविधा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं. उमेश चव्हाण ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड अस्पताल भी इसी तरह मरीजों की जरूरतों को पूरा कर रहा है.

पुणे : नौजवान उमेश द्वारा बनाए गए छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड अस्पताल में 53 बेड हैं और ऑक्सीजन बेड की सुविधा मरीजों को जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने करीब 35 औंस सोने के गहने गिरवी रखकर कोविड अस्पताल का निर्माण किया है.

पुणे में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण बेड की भारी कमी है. कुछ अस्पतालों में 3 रोगियों के इलाज के लिए 1 बिस्तर साझा किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड स्पताल निर्माण चव्हाण द्वारा 35 औंस सोने को गिरवी रखकर किया गया है और इसके लिए 30 लाख रुपये तक का संग्रह किया गया था.

उनके कई मित्रों ने नेक काम के लिए योगदान दिया है. रोगी अधिकार परिषद के प्रमुख उमेश चव्हाण ने अपने सहकर्मियों की मदद से 7 दिनों के निरंतर परिश्रम से यह शानदार काम किया है. इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस अच्छे काम का समर्थन करने के लिए उनके कई दोस्तों ने मदद का हाथ बढ़ाया.

इस अस्पताल में 33 ऑक्सीजन बेड और 20 सामान्य बेड हैं. डॉ. सलीम अल्टेकर, डॉ. किशोर चिपोले, गिरीश गर्ग, कुणाल तिंगरे, अपर्णा साठे ने इस अस्पताल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉ. आशीष भारती, पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य प्रमुख और डॉ. सिद्धार्थ धेंदे, पूर्व डिप्टी मेयर और डॉ. अमोल देवलेकर ने इस कोविड अस्पताल की स्थापना में बहुत मदद की.

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रोगी अधिकार परिषद के माध्यम से पिछले कई वर्षों से हम अन्य अस्पतालों में उचित दरों पर रोगियों को अच्छी गुणवत्ता की सुविधा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं. उमेश चव्हाण ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज कोविड अस्पताल भी इसी तरह मरीजों की जरूरतों को पूरा कर रहा है.

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