नई दिल्ली: पहला दो दिवसीय 'कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC)' का आयोजन को किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत, मालदीव और श्रीलंका की प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाकर समुद्री सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाना है. इसके तहत तीनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां इसमें युद्धाभ्यास कर रही है. भारतीय नौसेना (IN), मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) और श्रीलंकाई नौसेना (एसएलएन) के जहाज और विमान इसमें भाग ले रहे हैं. तीनों देशों के सैनिक दक्षिणी अरब सागर के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) में एक विशाल क्षेत्र में अभ्यास कर रहे हैं. दो दिवसीय अभ्यास आज समाप्त हो रहा है.
ज्ञात हो कि भारत, मालदीव और श्रीलंका के सैनिक एक त्रिपक्षीय टेबल टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) 14 और 15 जुलाई 2021 को किया गया था. तीनों देशों ने कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव की 5वीं उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय बैठक में भाग लिया था. 04 अगस्त 2021 को हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया.
उल्लेखनीय है कि तीनों देशों ने 04 अगस्त 2021 को कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव की 5वीं उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय बैठक में भाग लिया था, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया था.
हिंद महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह युद्ध अभ्यास किया जा रहा है.
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यह युद्धाभ्यास प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच समझ और बेहतर समन्वय बनाने में मदद करेगा, और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अपराधों को रोकने में सहायक होगा. यह समुद्री घटनाओं/दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वित संचालन और तालमेल को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगा.
यह युद्धाभ्यास भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच गहरे त्रिपक्षीय जुड़ाव का उदाहरण है. साथ ही इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर जोर देता है.