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तीन महिला जजों की SC में नियुक्ति की सिफारिश, जानें कौन हैं... - Supreme Court Collegium

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक साथ तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है. इनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं. इनका परिचय जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम
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Published : Aug 19, 2021, 5:36 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है. इनमें कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली शामिल हैं.

अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना 10 फरवरी 2027 को भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बन सकती हैं.

30 अक्टूबर, 1962 को जन्मीं जस्टिस नागरत्ना भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं. जस्टिस नागरत्ना ने 28 अक्टूबर, 1987 को बैंगलोर में एक वकील के रूप में नामांकन किया और संविधान, वाणिज्य, बीमा और सेवा आदि से संबंधित क्षेत्र में अभ्यास किया.

उन्हें 18 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं.

सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में जस्टिस नागरत्ना का कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक रहेगा. वह 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला सीजेआई के रूप में एक महीने से अधिक का कार्यकाल हो सकता है.

जस्टिस हेमा कोहली का मूल कैडर दिल्ली उच्च न्यायालय है. 02 सितंबर, 1959 को दिल्ली में जन्मीं जस्टिस कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया और 1999-2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नई दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार थी.

जस्टिस हेमा कोहली को 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और बाद में 7 जनवरी, 2021 को तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं.

10 जून, 1960 को जन्मीं न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी 09 फरवरी, 2016 से गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हैं और न्यायिक सेवा श्रेणी से संबंधित हैं.

बता दें कि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को नौ नामों की सिफारिश की है. इनमें तीन महिलाएं शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 महिला जजों समेत 9 नामों की सिफारिश की

26 जनवरी, 1950 को गठित उच्चतम न्यायालय में अब तक काफी कम संख्या में महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं और पिछले 71 वर्षों में केवल आठ महिला न्यायाधीश की नियुक्ति हुई हैं. सबसे पहले एम. फातिमा बीबी 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनी थीं.

वर्तमान में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं, जो उच्चतम न्यायालय में सेवारत हैं. वह सात अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से पदोन्नत होकर उच्चतम न्यायालय आई थीं.

पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव भी शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है. इनमें कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली शामिल हैं.

अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना 10 फरवरी 2027 को भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बन सकती हैं.

30 अक्टूबर, 1962 को जन्मीं जस्टिस नागरत्ना भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं. जस्टिस नागरत्ना ने 28 अक्टूबर, 1987 को बैंगलोर में एक वकील के रूप में नामांकन किया और संविधान, वाणिज्य, बीमा और सेवा आदि से संबंधित क्षेत्र में अभ्यास किया.

उन्हें 18 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं.

सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में जस्टिस नागरत्ना का कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक रहेगा. वह 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला सीजेआई के रूप में एक महीने से अधिक का कार्यकाल हो सकता है.

जस्टिस हेमा कोहली का मूल कैडर दिल्ली उच्च न्यायालय है. 02 सितंबर, 1959 को दिल्ली में जन्मीं जस्टिस कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया और 1999-2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नई दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार थी.

जस्टिस हेमा कोहली को 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और बाद में 7 जनवरी, 2021 को तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं.

10 जून, 1960 को जन्मीं न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी 09 फरवरी, 2016 से गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हैं और न्यायिक सेवा श्रेणी से संबंधित हैं.

बता दें कि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को नौ नामों की सिफारिश की है. इनमें तीन महिलाएं शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 महिला जजों समेत 9 नामों की सिफारिश की

26 जनवरी, 1950 को गठित उच्चतम न्यायालय में अब तक काफी कम संख्या में महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं और पिछले 71 वर्षों में केवल आठ महिला न्यायाधीश की नियुक्ति हुई हैं. सबसे पहले एम. फातिमा बीबी 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनी थीं.

वर्तमान में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं, जो उच्चतम न्यायालय में सेवारत हैं. वह सात अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से पदोन्नत होकर उच्चतम न्यायालय आई थीं.

पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव भी शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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