अमरावती: आंध्र प्रदेश में मुर्गों की लड़ाई का आयोजन किया गया. काकीनाडा, कोनासीमा, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी और एलुरु जिलों में छिटपुट मुर्गों की लड़ाई हुई. वाईसीपी नेता बारीकी से प्रतियोगिताओं का प्रचार कर रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस की कड़ाई के बाद भी ये प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं. कोठापेट के विधायक और सरकारी सचेतक चिरला जग्गीरेड्डी ने कोनासीमा जिले के रावुलापलेम मंडल के वेदुरेश्वरम रोड पर पुलिस के खिलाफ रोष व्यक्त किया.
सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने अमलापुरम मंडल के वन्नेचिंतापुडी में जगन्नाथ लेआउट में मुर्गो की लड़ाई का एक रिंग स्थापित किया. पूर्वी गोदावरी जिले के अनापार्थी में विधायक सत्ती सूर्यनारायण रेड्डी और गोकावरम में विधायक ज्योतुला चंटीबाबू ने मुर्गों की लड़ाई शुरू कर दी. लाखों रुपये के लिए संबंधित स्थानों पर दौड़ आयोजित की गई. तल्लारेवु मंडल के जॉर्जिपेट में एक राज्य स्तरीय सर्कल स्थापित किया गया. मंत्री विश्वरूप के बेटे ने यह प्रतियोगिता देखी. प्रत्येक दांव 6 लाख रुपये से शुरू हुआ.
संयुक्त पश्चिमी गोदावरी जिले के सीसाली, कल्ला मंडल में काउंटिंग मशीनों के माध्यम से सट्टे का नकद लेन-देन किया गया. शुक्रवार तक भीमावरम मंडल के डेगापुरम व अकिवीदु मंडल के डंपागडपा में कबड्डी मुकाबले हुए. वही परिसर मुर्गों की लड़ाई का स्थल भी बन गया. लड़ाई को डिजिटल स्क्रीन पर देखने के लिए निदामरू, सेसाली और देगापुरम में व्यवस्था की गई है. सट्टा 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये प्रति दांव तक होता था. प्रत्येक सर्किल में करोड़ रुपये तक की अदला-बदली हुई. पार्किंग क्षेत्रों में वाहनों की भीड़ लगी रही.
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विवाद तब खड़ा हुआ जब कैकलुरु मंडल के चटकाई गांव में मुर्गों की लड़ाई के रिंग में दो मुर्गियों को विजयी घोषित किया गया. उनगुटुर के विधायक पुप्पला वसुबाबू और डेंडुलुर के पूर्व विधायक चिंतामनेनी प्रभाकर ने निदामरू मंडल के मंडलपरु में भाग लिया. कल्ला मंडल सीसाली रिंग में थे और विधायक मंथेना ने रामाराजू से मुकाबला लड़ा था. विधायक तेलम बलराजू ने बुट्टायागुडेम मंडल के दुड्डुकुर में आदिवासियों की पारंपरिक मुर्गों की लड़ाई शुरू की.