ETV Bharat / bharat

Missile ships: भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत बनाएगा कोचीन शिपयार्ड - अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत बनाएगा

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड भारतीय नौसेना को 6 मिसाइल पोत उपलब्ध कराएगा. इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

Cochin Shipyard to build next generation missile ships for Indian Navy
भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत बनाएगा कोचीन शिपयार्ड
author img

By

Published : Apr 1, 2023, 1:24 PM IST

कोच्चि: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना के लिए 9,805 करोड़ रुपये की लागत से अगली पीढ़ी के छह मिसाइल पोत (एनजीएमवी) बनाने के वास्ते एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इन पोतों की आपूर्ति 2027 से की जाएगी. राज्य सरकार के स्वामित्व वाले कोचीन शिपयार्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोत, व्यापार पोत और जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ युद्धक क्षमता उपलब्ध कराना होगा.'

कंपनी ने बताया कि इन जहाजों की आपूर्ति मार्च 2027 से शुरू होगी. विज्ञप्ति में कहा गया है, 'एनजीएमवी उच्च गति और तीव्र मारक क्षमता वाले ऐसे हथियारों से लैस युद्धपोत होगा, जो राडार की नजरों में धूल झोंकने में सक्षम हैं. ये जहाज हमला करने और सतह रोधी युद्ध अभियान चलाने में सक्षम होंगे. ये दुश्मन के जहाजों के खिलाफ समुद्र में शक्तिशाली हथियार साबित होंगे.' कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक मधु एस नायर ने कहा कि देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का सफलतापूर्वक निर्माण करने के बाद शिपयार्ड एनजीएमवी को बनाने का जिम्मा उठाने के लिए उत्साहित है.

ये भी पढ़ें- Agniveer Of Navy: भारतीय नौसेना के अग्निवीरों का पहला बैच हुआ पास आउट, INS Chilika में हुई पासिंग आउट परेड

बता दें कि पिछले साल कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड’ (सीएसएल) ने भारतीय नौसेना को देश का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत (आईएसी-1) नौसेना को सौंपा. यह भारत में बनाया गया अभी तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है. इसका भार लगभग 45,000 टन है और इसे देश की सबसे महत्वाकांक्षी नौसैनिक पोत परियोजना भी माना जाता है. आईएसी को उसके शानदार पूर्ववर्ती के नाम पर रखा गया है – भारत का पहला विमानवाहक पोत, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नया पोत अपने पूर्ववर्ती की तुलना में काफी बड़ा और उन्नत है.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना के लिए 9,805 करोड़ रुपये की लागत से अगली पीढ़ी के छह मिसाइल पोत (एनजीएमवी) बनाने के वास्ते एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इन पोतों की आपूर्ति 2027 से की जाएगी. राज्य सरकार के स्वामित्व वाले कोचीन शिपयार्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोत, व्यापार पोत और जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ युद्धक क्षमता उपलब्ध कराना होगा.'

कंपनी ने बताया कि इन जहाजों की आपूर्ति मार्च 2027 से शुरू होगी. विज्ञप्ति में कहा गया है, 'एनजीएमवी उच्च गति और तीव्र मारक क्षमता वाले ऐसे हथियारों से लैस युद्धपोत होगा, जो राडार की नजरों में धूल झोंकने में सक्षम हैं. ये जहाज हमला करने और सतह रोधी युद्ध अभियान चलाने में सक्षम होंगे. ये दुश्मन के जहाजों के खिलाफ समुद्र में शक्तिशाली हथियार साबित होंगे.' कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक मधु एस नायर ने कहा कि देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का सफलतापूर्वक निर्माण करने के बाद शिपयार्ड एनजीएमवी को बनाने का जिम्मा उठाने के लिए उत्साहित है.

ये भी पढ़ें- Agniveer Of Navy: भारतीय नौसेना के अग्निवीरों का पहला बैच हुआ पास आउट, INS Chilika में हुई पासिंग आउट परेड

बता दें कि पिछले साल कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड’ (सीएसएल) ने भारतीय नौसेना को देश का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत (आईएसी-1) नौसेना को सौंपा. यह भारत में बनाया गया अभी तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है. इसका भार लगभग 45,000 टन है और इसे देश की सबसे महत्वाकांक्षी नौसैनिक पोत परियोजना भी माना जाता है. आईएसी को उसके शानदार पूर्ववर्ती के नाम पर रखा गया है – भारत का पहला विमानवाहक पोत, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नया पोत अपने पूर्ववर्ती की तुलना में काफी बड़ा और उन्नत है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.