बेंगलुरु: थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी वाली रिपोर्ट सामने आने के बाद कर्नाटक सरकार ने केंद्र से राज्य को अतिरिक्त चार रैक आवंटित करने का अनुरोध किया है. वर्तमान में राज्य को 11 रैक मिल रही हैं. कोयले की एक रैक 4000 टन की होती है.
कर्नाटक में तीन थर्मल पावर स्टेशन, रायचूर, बेल्लारी और एरामरस हैं. ये तीन पावर स्टेशन 11 रैक कोयले का उपयोग करके लगभग रोज करीब 5020 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं. वर्तमान में राज्य को कोयले की 6 से 10 रैक मिल रही हैं. ताप संयंत्रों ने भी अपना कार्य शुरू कर दिया है. साथ ही दस दिनों से हो रही बारिश के चलते जल विद्युत संयंत्रों ने बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है.
कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री वी सुनील कुमार (V Sunil Kumar) ने आश्वासन दिया है कि कोयला संकट दो दिनों में हल हो जाएगा. राज्य ने आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया है. ओडिशा के महानदी कोल फील्ड से भेजा गई कोयले की एक रैक जल्द कर्नाटक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि सोमवार को लोड की जा रही कोयले की एक और रैक बुधवार को आएगी और इससे संकट का समाधान हो जाएगा.
राज्य सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव से महाराष्ट्र के मंदाकिनी और बारांजी में कोयला खनन करने की अनुमति देने की अपील की है, जहां कर्नाटक को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, 'जैसे ही हमें कोयला निकालने की अनुमति मिलेगी, हम उस काम को आगे बढ़ाएंगे और साथ ही कर्नाटक को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.'
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