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वाराणसी में सीएम योगी व ओपी राजभर की मुलाकात बनी चर्चा का विषय, मानी जा रही यह वजह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं. गुरुवार को देर रात सीएम योगी व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई है.

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Published : Jun 16, 2023, 10:58 AM IST

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वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की कल रात सर्किट हाउस वाराणसी में मुलाकात काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, ओपी राजभर की गाड़ी कल रात लगभग 10:00 बजे सर्किट हाउस वाराणसी के बाहर रुकी थी और वह सर्किट हाउस के अंदर पहुंचे थे. जहां लगभग 45 मिनट तक सीएम योगी से उनकी मुलाकात हुई है जो राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि 2024 चुनावों से पहले एक बार फिर बीजेपी के साथ जा सकते हैं.

दरअसल, ओमप्रकाश राजभर के छोटे बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर की शादी कुछ दिन पहले संपन्न हुई थी. जिसमें ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री योगी को भी निमंत्रण भेजा था, लेकिन सीएम योगी शादी में शामिल नहीं हो सके थे, वहीं उन्होंने प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी के जरिए शुभकामना संदेश ओपी राजभर तक पहुंचाया था. इन सबके बीच सीएम योगी गुरुवार को डॉ. नीलकंठ तिवारी के भाई के रिसेप्शन पार्टी में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुंचे थे और सर्किट हाउस में रुके हुए थे. इस दौरान ओपी राजभर की काले रंग की स्कार्पियो कल रात को वाराणसी के सर्किट हाउस के बाहर रुकी हुई दिखाई दी. जिसके बाद वह अंदर सर्किट हाउस पहुंचे थे.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं का कहना है कि 'यह एक व्यावहारिक मुलाकात थी, क्योंकि बेटे अरुण राजभर की शादी में मुख्यमंत्री नहीं आ पाए थे और वह वाराणसी में थे इसलिए ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उनको बधाई संदेश के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया था और मुख्यमंत्री ने भी ओपी राजभर और उनके बेटे को आशीर्वाद देते हुए नव युगल जोड़े को बधाई दी है.' बता दें कि योगी सरकार जब पहली बार उत्तर प्रदेश में बनी थी तब ओपी राजभर मंत्रिमंडल का हिस्सा थे, हालांकि बाद में वह अलग हुए और अखिलेश यादव के साथ उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में अखिलेश से भी दूरियां हुईं और अब ओपी राजभर एक बार फिर बीजेपी के करीब जा रहे हैं. उनके बेटे की शादी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य बीजेपी नेताओं का पहुंचना भी चर्चा का विषय बना हुआ था.

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दरअसल, ओमप्रकाश राजभर के छोटे बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर की शादी कुछ दिन पहले संपन्न हुई थी. जिसमें ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री योगी को भी निमंत्रण भेजा था, लेकिन सीएम योगी शादी में शामिल नहीं हो सके थे, वहीं उन्होंने प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी के जरिए शुभकामना संदेश ओपी राजभर तक पहुंचाया था. इन सबके बीच सीएम योगी गुरुवार को डॉ. नीलकंठ तिवारी के भाई के रिसेप्शन पार्टी में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुंचे थे और सर्किट हाउस में रुके हुए थे. इस दौरान ओपी राजभर की काले रंग की स्कार्पियो कल रात को वाराणसी के सर्किट हाउस के बाहर रुकी हुई दिखाई दी. जिसके बाद वह अंदर सर्किट हाउस पहुंचे थे.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं का कहना है कि 'यह एक व्यावहारिक मुलाकात थी, क्योंकि बेटे अरुण राजभर की शादी में मुख्यमंत्री नहीं आ पाए थे और वह वाराणसी में थे इसलिए ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उनको बधाई संदेश के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया था और मुख्यमंत्री ने भी ओपी राजभर और उनके बेटे को आशीर्वाद देते हुए नव युगल जोड़े को बधाई दी है.' बता दें कि योगी सरकार जब पहली बार उत्तर प्रदेश में बनी थी तब ओपी राजभर मंत्रिमंडल का हिस्सा थे, हालांकि बाद में वह अलग हुए और अखिलेश यादव के साथ उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में अखिलेश से भी दूरियां हुईं और अब ओपी राजभर एक बार फिर बीजेपी के करीब जा रहे हैं. उनके बेटे की शादी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य बीजेपी नेताओं का पहुंचना भी चर्चा का विषय बना हुआ था.

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