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आधी रात क्या हुई बात : गृह मंत्री शाह और नड्डा से मिले उत्तराखंड के सीएम तीरथ

उत्तराखंड के सीएम (Uttarakhand CM) तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने गृह मंत्री अमित शाह के घर पर मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

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Published : Jul 1, 2021, 3:08 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (Uttarakhand CM) तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है. जानकारी मिली है कि बीती रात सीएम तीरथ सिंह रावत ने गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के घर पर मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी (Bharatiya Janata Party-BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. यह बैठक बीती रात करीब 12 बजे तक चली. इस दौरान विधायक की मौत के बाद खाली हुई हल्द्वानी और गंगोत्री सीटों के संबंध में चर्चा हुई.

बता दें, चिंतन शिविर के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बीजेपी आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे हैं. सीएम का अचानक दिल्ली दौरे के बने प्रोग्राम से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हैं. हालांकि, सीएम ने साफ किया है कि उनका ये दौरा आगामी चुनाव की रणनीति और चिंतन शिविर में हुई चर्चाओं पर बातचीत को लेकर है.

'त्रिवेंद्र जैसा न हो सीएम तीरथ का हाल'

इसी बीच कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष (Congress State Vice President) सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रकार से गैरसैंण (Gairsain) सत्र के दौरान त्रिवेंद्र रावत को हाईकमान ने अचानक दिल्ली बुलाया था, तब उसके बाद क्या हुआ यह सब ने देखा. अब भगवान न करे कि जो त्रिवेंद्र रावत के साथ जो हुआ वह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ हो.

पढ़ें : उत्तराखंड : सीएम तीरथ सिंह रावत की कुर्सी बचेगी या जाएगी, फैसला लेगा हाईकमान

सबसे खास बात यह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत को नौ सितंबर से पहले विधायक का चुनाव जीतना जरूरी होगा. इस बीच कांग्रेस ने सवाल उठाया कि ऐसे प्रावधान हैं कि अगर एक वर्ष के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं, तो उपचुनाव नहीं होंगे. अभी तीरथ सिंह राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. वह वर्तमान में टिहरी गढ़वाल से लोकसभा सांसद हैं. ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा सीट जीतनी जरूरी है.

क्यों नहीं हो सकते उपचुनाव

नौ सितंबर के बाद सीएम पद पर बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत को विधायक का चुनाव जीतना जरूरी होगा. इसी मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. वहीं जन प्रतिनिधि एक्ट के सेक्शन 151 ए के तहत फिलहाल उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं. क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है. ऐसे में उपचुनाव नहीं हो सकते हैं. इसीलिए सीएम तीरथ सिंह की कुर्सी पर संकट के बादल छाए हुए हैं.

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (Uttarakhand CM) तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है. जानकारी मिली है कि बीती रात सीएम तीरथ सिंह रावत ने गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के घर पर मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी (Bharatiya Janata Party-BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. यह बैठक बीती रात करीब 12 बजे तक चली. इस दौरान विधायक की मौत के बाद खाली हुई हल्द्वानी और गंगोत्री सीटों के संबंध में चर्चा हुई.

बता दें, चिंतन शिविर के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बीजेपी आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे हैं. सीएम का अचानक दिल्ली दौरे के बने प्रोग्राम से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हैं. हालांकि, सीएम ने साफ किया है कि उनका ये दौरा आगामी चुनाव की रणनीति और चिंतन शिविर में हुई चर्चाओं पर बातचीत को लेकर है.

'त्रिवेंद्र जैसा न हो सीएम तीरथ का हाल'

इसी बीच कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष (Congress State Vice President) सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रकार से गैरसैंण (Gairsain) सत्र के दौरान त्रिवेंद्र रावत को हाईकमान ने अचानक दिल्ली बुलाया था, तब उसके बाद क्या हुआ यह सब ने देखा. अब भगवान न करे कि जो त्रिवेंद्र रावत के साथ जो हुआ वह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ हो.

पढ़ें : उत्तराखंड : सीएम तीरथ सिंह रावत की कुर्सी बचेगी या जाएगी, फैसला लेगा हाईकमान

सबसे खास बात यह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत को नौ सितंबर से पहले विधायक का चुनाव जीतना जरूरी होगा. इस बीच कांग्रेस ने सवाल उठाया कि ऐसे प्रावधान हैं कि अगर एक वर्ष के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं, तो उपचुनाव नहीं होंगे. अभी तीरथ सिंह राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. वह वर्तमान में टिहरी गढ़वाल से लोकसभा सांसद हैं. ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा सीट जीतनी जरूरी है.

क्यों नहीं हो सकते उपचुनाव

नौ सितंबर के बाद सीएम पद पर बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत को विधायक का चुनाव जीतना जरूरी होगा. इसी मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. वहीं जन प्रतिनिधि एक्ट के सेक्शन 151 ए के तहत फिलहाल उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं. क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है. ऐसे में उपचुनाव नहीं हो सकते हैं. इसीलिए सीएम तीरथ सिंह की कुर्सी पर संकट के बादल छाए हुए हैं.

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