हमीरपुर: हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू का छात्र जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है. मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू छात्र जीवन में कभी अखबार तो कभी दूध बेचकर जेब खर्च निकाला करते थे. इतना ही नहीं उन्होंने पढ़ाई के दौरान पीसीओ भी चलाया.
एनएसयूआई के दौर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दोस्त रहे अशोक कवि बताते हैं कि उनको एनएसयूआई के प्रदेश टीम में लाने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ही थे और राजनीति में वह उनके आइकन है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में अशोक ने बताया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू कॉलेज में राजनीति के दौरान ही राजकीय महाविद्यालय संजौली में एससीए के अध्यक्ष चुने गए. साल 1988 से 1995 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने.
इस दौरान अशोक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में एनएसयूआई के कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे और फिर यहां पर चुनाव लड़ एनएसयूआई के पैनल पर सीएसीए के अध्यक्ष भी. कवि ने कहा कि उनको एनएसयूआई के पैनल में डालने वाले भी सुखविंदर सिंह सुक्खू ही थे. बाद में जब वह सीएसीए के अध्यक्ष बने तो सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें प्रदेश के टीम में शामिल कर लिया. संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अशोक कवि ने कहा कि एक आम परिवार से आने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्र जीवन से ही संघर्ष को देखा है. उन्होंने छात्र जीवन के दौरान ही अखबार भी बेचा और कभी दूध बेचकर भी गुजारा किया इसी दौरान शिमला में उन्होंने एक PCO में भी काम किया.
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उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू जिससे संगठन में रहे उन्होंने लंबे समय तक जमीनी स्तर पर कार्य किया. यही बजह रही कि उन्हें संगठन में कार्य विस्तार मिला. साल 1998 से 2008 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इस दौरान विधानसभा चुनाव भी लड़ा. हालांकि, इससे पहले नगर निगम शिमला के दो बार चुने हुए पार्षद बने. जनवरी 2013 से 10 जनवरी 2019 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. लगभग सभी मुख्य संगठनों में अध्यक्ष और लंबे समय तक कार्य करने का अनुभव कम से कम हिमाचल में सिर्फ उनके पास है. (CM Sukhvinder Singh Sukhu) (Sukhvinder Singh Sukhu became CM) (Sukhu became the CM of Himachal)