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समय आ गया है कि हम महाराष्ट्र के महा गद्दार का पता लगाएं: CM शिंदे - ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है.

Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde attacks Bal Thackeray
समय आ गया है कि हम महाराष्ट्र के महा गद्दार का पता लगाएं: CM शिंदे
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Published : Aug 5, 2023, 8:00 AM IST

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना शुक्रवार को उन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाल ठाकरे की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया. वह विधानसभा में पिछले सप्ताह विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे.

शिंदे ने कहा, 'पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है. अब इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है. जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर हमसे 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है. मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए. मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता. मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है.'

शिंदे स्पष्ट रूप से पिछले साल जून में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने के बाद पार्टी कोष को लेकर जारी विवाद का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'यह पता लगाने का समय आ गया है कि महाराष्ट्र का महा गद्दार कौन है.' शिंदे गुट के अलग होने से शिवसेना के विभाजित होने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद ठाकरे गुट ने विद्रोहियों पर ‘खोके’ और ‘देशद्रोही’ होने का आरोप लगाया था.

वहीं, शिंदे समूह ने ठाकरे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपने पिता की विचारधारा और पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को धोखा देने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष भ्रमित है और मानसून सत्र के दौरान रचनात्मक आलोचना करने में विफल रहा.
शिंदे ने कहा कि कोविड​​-19 महामारी के दौरान की गईं अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बात की जांच कर रहा है कि पुराने ऑक्सीजन संयंत्रों का उपयोग किस तरह से किया गया कि (ऑक्सीजन संयंत्र के इस्तेमाल से हुए फंगस संक्रमण के कारण) मरीजों की आंखें चली गईं और बॉडी बैग जिसकी कीमत 300 रुपये थी वे 6,000 रुपये में बेचे गए. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली) के दौरान शिक्षा, विचारधारा, आर्थिक निवेश का स्तर गिर गया और सिर्फ व्यंग्य किया जाता था.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो बिगड़ गया है हम उसे सुधार रहे हैं.' शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के मजबूत समर्थन वाली समान विचारधारा वाले दलों की सरकार है. उन्होंने कहा, 'विधानसभा में हमारी संख्या 170 से अब 215 है.' अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट पिछले महीने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गया था.

शिंदे ने कहा कि भारत दसवें स्थान से उठकर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्थव्यव्था को तीसरे स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए शासन के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद देश में तीसरे स्थान पर खिसक गया था, लेकिन उनकी सरकार को 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला और राज्य का शीर्ष स्थान बहाल हो गया.

शिंदे बोले- शिवसेना (यूबीटी) को केवल पैसों से प्यार, 50 करोड़ रुपये वापस मांगे: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने उनसे 50 करोड़ रुपयों की मांग की जिसे अविभाजित पार्टी ने चंदा के जरिये एकत्र किया था. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है.

शिंदे ने यहां राज्य विधानसभा के मॉनसूत्र के समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा जो कि पार्टी का था. शिंदे, जिन्होंने पिछले साल शिवसेना को विभाजित करके उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार को गिरा दिया था, ने इसका जिक्र दिन में विधानसभा में भी किया था.

ये भी पढ़ें-Maharashtra Political Crisis : 3 दिन में दूसरी बार दिल्ली पहुंचे सीएम शिंदे, जानें क्या है कारण

मुख्यमंत्री ने कहा, 'उनके पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित है. भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें प्रदान किया है. यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से.' मुख्यमंत्री ने सत्र को ‘सफल और फलदायी’ बताया. उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. कल हमने सार्वजनिक अस्पतालों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के बारे में निर्णय लिया.'

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना शुक्रवार को उन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाल ठाकरे की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया. वह विधानसभा में पिछले सप्ताह विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे.

शिंदे ने कहा, 'पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है. अब इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है. जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर हमसे 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है. मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए. मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता. मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है.'

शिंदे स्पष्ट रूप से पिछले साल जून में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने के बाद पार्टी कोष को लेकर जारी विवाद का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'यह पता लगाने का समय आ गया है कि महाराष्ट्र का महा गद्दार कौन है.' शिंदे गुट के अलग होने से शिवसेना के विभाजित होने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद ठाकरे गुट ने विद्रोहियों पर ‘खोके’ और ‘देशद्रोही’ होने का आरोप लगाया था.

वहीं, शिंदे समूह ने ठाकरे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपने पिता की विचारधारा और पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को धोखा देने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष भ्रमित है और मानसून सत्र के दौरान रचनात्मक आलोचना करने में विफल रहा.
शिंदे ने कहा कि कोविड​​-19 महामारी के दौरान की गईं अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बात की जांच कर रहा है कि पुराने ऑक्सीजन संयंत्रों का उपयोग किस तरह से किया गया कि (ऑक्सीजन संयंत्र के इस्तेमाल से हुए फंगस संक्रमण के कारण) मरीजों की आंखें चली गईं और बॉडी बैग जिसकी कीमत 300 रुपये थी वे 6,000 रुपये में बेचे गए. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली) के दौरान शिक्षा, विचारधारा, आर्थिक निवेश का स्तर गिर गया और सिर्फ व्यंग्य किया जाता था.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो बिगड़ गया है हम उसे सुधार रहे हैं.' शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के मजबूत समर्थन वाली समान विचारधारा वाले दलों की सरकार है. उन्होंने कहा, 'विधानसभा में हमारी संख्या 170 से अब 215 है.' अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट पिछले महीने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गया था.

शिंदे ने कहा कि भारत दसवें स्थान से उठकर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्थव्यव्था को तीसरे स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए शासन के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद देश में तीसरे स्थान पर खिसक गया था, लेकिन उनकी सरकार को 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला और राज्य का शीर्ष स्थान बहाल हो गया.

शिंदे बोले- शिवसेना (यूबीटी) को केवल पैसों से प्यार, 50 करोड़ रुपये वापस मांगे: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने उनसे 50 करोड़ रुपयों की मांग की जिसे अविभाजित पार्टी ने चंदा के जरिये एकत्र किया था. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है.

शिंदे ने यहां राज्य विधानसभा के मॉनसूत्र के समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा जो कि पार्टी का था. शिंदे, जिन्होंने पिछले साल शिवसेना को विभाजित करके उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार को गिरा दिया था, ने इसका जिक्र दिन में विधानसभा में भी किया था.

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मुख्यमंत्री ने कहा, 'उनके पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित है. भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें प्रदान किया है. यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से.' मुख्यमंत्री ने सत्र को ‘सफल और फलदायी’ बताया. उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. कल हमने सार्वजनिक अस्पतालों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के बारे में निर्णय लिया.'

(पीटीआई-भाषा)

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