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जोशीमठ: प्रभावित क्षेत्रों का CM धामी ने किया दौरा, जोशीमठ-मलारी चीन बॉर्डर रोड पर भी दरारें

जोशीमठ हिमालय की तलहटी में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक शहर है, जो भूस्खलन के कारण धंस रहा है. इन दिनों हाल ही में हुए निर्माण कार्यों के चलते यहां के घरों में अचानक से दरारें आनी शुरू हो गई हैं और धरती से जगह-जगह पानी निकल रहा है. इसके साथ ही सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं.

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Published : Jan 7, 2023, 2:15 PM IST

जोशीमठ के प्रभावित इलाकों का सीएम ने किया दौरा

चमोली: आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड का प्राचीन शहर जोशीमठ (historic city of Joshimath) जमीन धंसने की खबरों को लेकर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में छाया है. जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच सीएम धामी: जोशीमठ में जमीन के धंसने (Joshimath Land Sinking) और कई घरों में दरारें पड़ने की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया है. और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.

इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. साथ ही भू-धंसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है. हालात काबू में करने के लिए जरूरी प्रयास उठाए जा रहे हैं.

सीएम धामी ने आगे कहा कि हमारा प्रयास सभी को सुरक्षित बनाना है, आवश्यक व्यवस्था के लिए तैयारी की गई है. हमारा पहला काम लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाना है. काम कर रहे भूवैज्ञानिक, इसरो के साथ गुवाहाटी और IIT रुड़की की टीम भी काम कर रही है. हर कोई कारणों की तलाश कर रहा है. हम इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या लोगों को यहां से पलायन करने और पुनर्वासित करने की जरूरत है. हम इसके लिए जगह भी तलाश रहे हैं. फिलहाल यह सर्दी का मौसम है. इसलिए, हम उन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.

जोशीमठ-मलारी सीमा पर सड़क पर दरारें: इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क (Joshimath Malari border road cracks) जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं.

जोशीमठ-मलारी चीन बॉर्डर रोड पर भी दरारें

ये भी पढ़ें: जोशीमठ आपदा पीड़ितों ने मैगी खाकर गुजारी रात, ग्राउंड जीरो से Reality Check

केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी (Joshimath Land Subsidence) गठित की है. ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे.

इससे पहले शुक्रवार 6 जनवरी को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए. पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है. उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अब तक जोशीमठ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आई हैं.

जोशीमठ के प्रभावित इलाकों का सीएम ने किया दौरा

चमोली: आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड का प्राचीन शहर जोशीमठ (historic city of Joshimath) जमीन धंसने की खबरों को लेकर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में छाया है. जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच सीएम धामी: जोशीमठ में जमीन के धंसने (Joshimath Land Sinking) और कई घरों में दरारें पड़ने की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया है. और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.

इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. साथ ही भू-धंसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है. हालात काबू में करने के लिए जरूरी प्रयास उठाए जा रहे हैं.

सीएम धामी ने आगे कहा कि हमारा प्रयास सभी को सुरक्षित बनाना है, आवश्यक व्यवस्था के लिए तैयारी की गई है. हमारा पहला काम लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाना है. काम कर रहे भूवैज्ञानिक, इसरो के साथ गुवाहाटी और IIT रुड़की की टीम भी काम कर रही है. हर कोई कारणों की तलाश कर रहा है. हम इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या लोगों को यहां से पलायन करने और पुनर्वासित करने की जरूरत है. हम इसके लिए जगह भी तलाश रहे हैं. फिलहाल यह सर्दी का मौसम है. इसलिए, हम उन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.

जोशीमठ-मलारी सीमा पर सड़क पर दरारें: इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क (Joshimath Malari border road cracks) जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं.

जोशीमठ-मलारी चीन बॉर्डर रोड पर भी दरारें

ये भी पढ़ें: जोशीमठ आपदा पीड़ितों ने मैगी खाकर गुजारी रात, ग्राउंड जीरो से Reality Check

केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी (Joshimath Land Subsidence) गठित की है. ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे.

इससे पहले शुक्रवार 6 जनवरी को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए. पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है. उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अब तक जोशीमठ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आई हैं.

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