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Bihar Politics : कहीं अठावले का बयान सच न हो जाए! नीतीश ने अपने पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को बुलाया...

बिहार में महागठबंधन में घमासान के बीच सीएम नीतीश कुमार अपने पूर्व विधायकों और पूर्व सांसद से मुलाकात की. कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं सीएम नीतीश कुमार फिर से...आशंका जाहिर की जा रही है कि कहीं अठावले का बयान सच न हो जाए.

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Published : Jul 30, 2023, 8:33 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 9:30 AM IST

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पटनाः बिहार की सियासत में कब क्या हो जाए, इसी कोई गारंटी नहीं है. एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार रविवार को अपने पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों से मुलाकात की. एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान में कहा कि नीतीश कुमार हमारे साथ आ सकते हैं. नीतीश कुमार मुंबई की बैठक में शामिल न हों. इसके बाद से बिहार में फिर से सियासत तेज हो गई है. आशंका है कि कहीं नीतीश कुमार फिर से पलटी तो नहीं मारने वाले हैं.

यह भी पढ़ेंः Lalu Attack On BJP: '2024 में बीजेपी की हार तय है, नरेंद्र मोदी विदेश में ढूंढ रहे हैं ठिकाना'

पूर्व MLA को क्यों बुला रहे सीएम? हालांकि, अठावले के बयान को लेकर भाजपा सफाई दे चुकी है, लेकिन अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पक रही है, यह कोई नहीं जानता है. रविवार को सीएम नीतीश कुमार अपने आवास पर पूर्व विधायकों से मुलाकात की. इससे पहले भी सीएम नीतीश कुमार अपने विधायक, MLC और सांसद से मुलाकात कर चुके हैं. रविवार को मिलने पहुंचे जदयू नेताओं ने कहा कि 'मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बातचीत के लिए बुलाया है'.

पूर्व सांसद नहीं मिली इंट्रीः रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने 2 पालियों में पार्टी के नेताओं से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के साथ विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे. जदयू के पूर्व सांसद लालबाबू राय भी पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनका नाम लिस्ट में नहीं होने के कारण सीएम आवास में नहीं जाने दिया. सूत्रों से खबर है कि सीएम आगे भी इस तरह मुलाकात करेंगे.

बिहार की सिसायत में नाराजगीः वर्तमान में बिहार की सिसायत में नाराजगी की बयार बह रही है. महागठबंधन के कई नेता अपने दल से नाराज चल रहे हैं. ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला हो या फिर, बेंगलुरु में विपक्षी एकता से नीतीश कुमार का उठकर चले आना, इन तमाम मुद्दा को लेकर सिसायत गर्म है. यह भी सामने आया था कि नीतीश कुमार से लालू यादव और तेजस्वी यादव नाराज चल रहे थे. सीएम लालू और तेजस्वी यादव से मिलने के लिए गए थे.

तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं लालूः दरअसल, लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने लालू से कहा था कि वे केंद्र में राजनीति करेंगे और तेजस्वी यादव को सीएम बनाएंगे. इसीलिए नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने में जुटे थे. विपक्ष एक हुए, दो बैठकें भी हुई, लेकिन नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया गया है. हो सकता है इसी कारण नीतीश कुमार बैठक से चले आए थे. लालू यादव भी संशय में हैं कि तेजस्वी यादव सीएम बनाने की बात से कहीं सीएम मुकर न जाएं.

राजद और जदयू में खटास ? : इधर, राजद और जदयू के बीच भी रिश्ते खट्टे नजर आ रहे हैं. राजद के MLC सुनील सिंह ने इशारों इशारों में नीतीश कुमार को बहुत कुछ कह दिया. हाल में सुनील सिंह अमित शाह से मुलाकात किए थे. इसको लेकर सीएम नीतीश ने सुनील सिंह से कहा था कि आप अमित शाह से मिले हैं. इसपर सुनील सिंह ने कहा था कि 'हमें गोली मरवा दीजिए' कहीं न कहीं बिहार में महागठबंधन को लेकर झोलमाल लग रहा है. रविवार को भी सुनील सिंह ने कवि के अंदाज में बहुत कुछ कह दिए.

रामदास अठावले के बयान से खलबलीः अब एक बार फिर से नीतीश पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं, इसे लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा के जदयू से निकलने के बाद जिस प्रकार से जदयू के टूटने का उनका बयान आ रहा था, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बदलाव हो सकता है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान ने इस पर मुहर लगा दी है.

पटनाः बिहार की सियासत में कब क्या हो जाए, इसी कोई गारंटी नहीं है. एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार रविवार को अपने पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों से मुलाकात की. एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान में कहा कि नीतीश कुमार हमारे साथ आ सकते हैं. नीतीश कुमार मुंबई की बैठक में शामिल न हों. इसके बाद से बिहार में फिर से सियासत तेज हो गई है. आशंका है कि कहीं नीतीश कुमार फिर से पलटी तो नहीं मारने वाले हैं.

यह भी पढ़ेंः Lalu Attack On BJP: '2024 में बीजेपी की हार तय है, नरेंद्र मोदी विदेश में ढूंढ रहे हैं ठिकाना'

पूर्व MLA को क्यों बुला रहे सीएम? हालांकि, अठावले के बयान को लेकर भाजपा सफाई दे चुकी है, लेकिन अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पक रही है, यह कोई नहीं जानता है. रविवार को सीएम नीतीश कुमार अपने आवास पर पूर्व विधायकों से मुलाकात की. इससे पहले भी सीएम नीतीश कुमार अपने विधायक, MLC और सांसद से मुलाकात कर चुके हैं. रविवार को मिलने पहुंचे जदयू नेताओं ने कहा कि 'मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बातचीत के लिए बुलाया है'.

पूर्व सांसद नहीं मिली इंट्रीः रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने 2 पालियों में पार्टी के नेताओं से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के साथ विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे. जदयू के पूर्व सांसद लालबाबू राय भी पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनका नाम लिस्ट में नहीं होने के कारण सीएम आवास में नहीं जाने दिया. सूत्रों से खबर है कि सीएम आगे भी इस तरह मुलाकात करेंगे.

बिहार की सिसायत में नाराजगीः वर्तमान में बिहार की सिसायत में नाराजगी की बयार बह रही है. महागठबंधन के कई नेता अपने दल से नाराज चल रहे हैं. ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला हो या फिर, बेंगलुरु में विपक्षी एकता से नीतीश कुमार का उठकर चले आना, इन तमाम मुद्दा को लेकर सिसायत गर्म है. यह भी सामने आया था कि नीतीश कुमार से लालू यादव और तेजस्वी यादव नाराज चल रहे थे. सीएम लालू और तेजस्वी यादव से मिलने के लिए गए थे.

तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं लालूः दरअसल, लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने लालू से कहा था कि वे केंद्र में राजनीति करेंगे और तेजस्वी यादव को सीएम बनाएंगे. इसीलिए नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने में जुटे थे. विपक्ष एक हुए, दो बैठकें भी हुई, लेकिन नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया गया है. हो सकता है इसी कारण नीतीश कुमार बैठक से चले आए थे. लालू यादव भी संशय में हैं कि तेजस्वी यादव सीएम बनाने की बात से कहीं सीएम मुकर न जाएं.

राजद और जदयू में खटास ? : इधर, राजद और जदयू के बीच भी रिश्ते खट्टे नजर आ रहे हैं. राजद के MLC सुनील सिंह ने इशारों इशारों में नीतीश कुमार को बहुत कुछ कह दिया. हाल में सुनील सिंह अमित शाह से मुलाकात किए थे. इसको लेकर सीएम नीतीश ने सुनील सिंह से कहा था कि आप अमित शाह से मिले हैं. इसपर सुनील सिंह ने कहा था कि 'हमें गोली मरवा दीजिए' कहीं न कहीं बिहार में महागठबंधन को लेकर झोलमाल लग रहा है. रविवार को भी सुनील सिंह ने कवि के अंदाज में बहुत कुछ कह दिए.

रामदास अठावले के बयान से खलबलीः अब एक बार फिर से नीतीश पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं, इसे लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा के जदयू से निकलने के बाद जिस प्रकार से जदयू के टूटने का उनका बयान आ रहा था, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बदलाव हो सकता है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान ने इस पर मुहर लगा दी है.

Last Updated : Jul 31, 2023, 9:30 AM IST
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