गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को यह देखने का निर्देश दिया कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को राज्य से पूरी तरह से कैसे हटाया जा सकता है. यह अधिनियम वर्तमान में 31 जिलों में से आठ में लागू है. मुख्यमंत्री ने बोंगाईगांव में पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उग्रवाद को काफी हद तक पराजित कर दिया गया है. पुलिस सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है और उन लोगों को निष्क्रिय कर रही है, जो फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को हिंसा के रास्ते पर वापस जाने से रोकने के लिए पुलिस को निगरानी रखनी चाहिए. सरमा ने कहा, 'पुलिस को ऐसी स्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि राज्य से एएफएसपीए पूरी तरह से हटाया जा सके.' उग्रवाद से निपटने के लिए वहां सक्रिय सशस्त्र बलों की सहायता के लिए असम सहित तीन पूर्वोत्तर राज्यों में एएफएसपीए दशकों से लागू है. मुख्यमंत्री ने पुलिस से मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान तेज करने को भी कहा और कहा कि छोटी और बड़ी दोनों बरामदगी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.
ये भी पढ़ें- |
उन्होंने कहा कि राज्य में 2018-20 के दौरान जब्त किये गये मादक पदार्थों की वार्षिक औसत बाजार दर 196.43 करोड़ रुपये प्रति वर्ष थी और 2023 में यह बढ़कर 730 करोड़ रुपये हो गई है. सरमा ने यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ाने का भी आह्वान किया कि राज्य अवैध शराब या अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के परिवहन का गलियारा न बन जाए. उन्होंने मीडिया से बात करते समय या अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल करते समय पुलिसकर्मियों से जिम्मेदार होने का आग्रह किया.
(पीटीआई-भाषा)