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Controversy Over MES: कर्नाटक में चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे महाराष्ट्र के सीएम शिंदे, जानिए वजह - एकनाथ शिंदे खबर

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के कारण महाराष्ट्र की राजनीति भी गर्म है. भाजपा ने जहां 40 लोगों की टीम चुनाव प्रचार करने के लिए भेजने का फैसला किया है, वहीं महाराष्ट्र के सीएम ने कर्नाटक में प्रचार अभियान रद्द कर दिया है. ऐसे में अब सवाल उठाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कर्नाटक क्यों नहीं जा रहे हैं.

CM Eknath Shinde
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
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Published : Apr 30, 2023, 9:22 PM IST

मुंबई: एक ओर जहां महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद चल रहा है, वहीं कर्नाटक में इस समय विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा है. सीमा विवाद को सुलझाने का वादा करने वाली भाजपा ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति (Maharashtra Ekikaran Samiti) के खिलाफ प्रचार करने के लिए महाराष्ट्र से नेताओं की एक टीम कर्नाटक भेजी है.

कर्नाटक में मराठी भाषी इसे लेकर नाराज हैं. मराठी भाषियों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कर्नाटक में प्रचार अभियान रद्द कर दिया है. सवाल उठाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) कर्नाटक क्यों नहीं जा रहे हैं, क्या उन्हें कुर्सी छूटने का डर है (Controversy Over MES).

कर्नाटक में मराठी भाषियों के खिलाफ भाजपा, कांग्रेस पार्टियां प्रचार कर रही हैं. भाजपा के केंद्रीय महासचिव विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री भागवत कराड, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन सहित महाराष्ट्र से 40 लोगों की टीम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के प्रचार के लिए कर्नाटक भेजी गई है.

कांग्रेस की ओर से वसंत पुरके, नितिन राउत, मोहन जोशी, पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़, सुनील केदार, मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे समेत 28 लोग चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक जाएंगे. महाराष्ट्र एकता समिति के पीछे शिवसेना ठाकरे ग्रुप, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी खड़ी है.

इस साल शिवसेना में फूट के बाद चर्चा थी कि कर्नाटक चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति का समर्थन कौन करेगा. महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की मांग की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के तीन दिन के अवकाश पर होने की बात कहकर इसे टाल दिया गया. अंत में मंत्री शंभुराज देसाई ने हस्तक्षेप किया और मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रतिनिधिमंडल के बीच एक बैठक आयोजित की.

मुख्यमंत्री शिंदे ने हर संभव मदद का वादा किया है. यह भी कहा गया कि मंत्री शंभूराज देसाई को प्रचार के लिए भेजा जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अभियान में आने का अनुरोध किया. हालांकि मुख्यमंत्री ने समय की कमी की बात कही है.तो क्या बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद पाने वाले एकनाथ शिंदे बीजेपी से डरते हैं? यह सवाल अब कर्नाटक के मराठी भाषी उठा रहे हैं.

महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) कर्नाटक में पांच विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है. एनसीपी से जयंत पाटिल, रोहित पाटिल, शिवसेना ठाकरे गुट से संजय राउत, शिंदे गुट से शंभूराज देसाई इस चुनाव के प्रचार में शामिल होंगे. पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के बाद सभाएं की जाएंगी. कर्नाटक के पूर्व विधायक मनोहर किनेकर ने विश्वास जताया कि हम पांच सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.

पढ़ें- Maharashtra News : राउत बोले, शिंदे-फडणवीस को बेलगाम की पार्टी MES के लिए करना चाहिए प्रचार

मुंबई: एक ओर जहां महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद चल रहा है, वहीं कर्नाटक में इस समय विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा है. सीमा विवाद को सुलझाने का वादा करने वाली भाजपा ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति (Maharashtra Ekikaran Samiti) के खिलाफ प्रचार करने के लिए महाराष्ट्र से नेताओं की एक टीम कर्नाटक भेजी है.

कर्नाटक में मराठी भाषी इसे लेकर नाराज हैं. मराठी भाषियों की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कर्नाटक में प्रचार अभियान रद्द कर दिया है. सवाल उठाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) कर्नाटक क्यों नहीं जा रहे हैं, क्या उन्हें कुर्सी छूटने का डर है (Controversy Over MES).

कर्नाटक में मराठी भाषियों के खिलाफ भाजपा, कांग्रेस पार्टियां प्रचार कर रही हैं. भाजपा के केंद्रीय महासचिव विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री भागवत कराड, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन सहित महाराष्ट्र से 40 लोगों की टीम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के प्रचार के लिए कर्नाटक भेजी गई है.

कांग्रेस की ओर से वसंत पुरके, नितिन राउत, मोहन जोशी, पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़, सुनील केदार, मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे समेत 28 लोग चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक जाएंगे. महाराष्ट्र एकता समिति के पीछे शिवसेना ठाकरे ग्रुप, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी खड़ी है.

इस साल शिवसेना में फूट के बाद चर्चा थी कि कर्नाटक चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति का समर्थन कौन करेगा. महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की मांग की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के तीन दिन के अवकाश पर होने की बात कहकर इसे टाल दिया गया. अंत में मंत्री शंभुराज देसाई ने हस्तक्षेप किया और मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रतिनिधिमंडल के बीच एक बैठक आयोजित की.

मुख्यमंत्री शिंदे ने हर संभव मदद का वादा किया है. यह भी कहा गया कि मंत्री शंभूराज देसाई को प्रचार के लिए भेजा जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अभियान में आने का अनुरोध किया. हालांकि मुख्यमंत्री ने समय की कमी की बात कही है.तो क्या बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद पाने वाले एकनाथ शिंदे बीजेपी से डरते हैं? यह सवाल अब कर्नाटक के मराठी भाषी उठा रहे हैं.

महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) कर्नाटक में पांच विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है. एनसीपी से जयंत पाटिल, रोहित पाटिल, शिवसेना ठाकरे गुट से संजय राउत, शिंदे गुट से शंभूराज देसाई इस चुनाव के प्रचार में शामिल होंगे. पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के बाद सभाएं की जाएंगी. कर्नाटक के पूर्व विधायक मनोहर किनेकर ने विश्वास जताया कि हम पांच सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.

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