बेंगलुरु : कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार अपने नाराज मंत्री आनंद सिंह को मनाने के साथ अपनी पहली बड़ी चुनौती को पार करते नजर आ रही है. दरअसल, बुधवार को पद से इस्तीफे का संकेत देने वाले नाराज मंत्री आनंद सिंह ने बाद में अपना मन बदल लिया.
सिंह ने बुधवार रात बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बोम्मई से मुलाकात की, जिनके साथ राजस्व मंत्री आर अशोक और भाजपा विधायक नरसिम्हा नाइक उर्फ राजू गौड़ा भी थे. मुलाकात के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके और सिंह के बीच कोई मतभेद नहीं है तथा दोनों एकजुट हैं.
यह स्वीकार करते हुए कि सिंह एक बेहतर विभाग चाहते हैं, बोम्मई ने कहा कि उन्होंने उन्हें (सिंह को) मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें आश्वस्त किया कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बात करेंगे. बोम्मई ने कहा, उनका यह कहना था कि वह अपनी क्षमता के अनुरूप एक और विभाग ले सकते हैं.
वहीं, सिंह ने कहा, यह सच है कि मैंने विभाग में बदलाव करने के लिए कहा था, लेकिन मैंने कभी नहीं कहा था कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. इस्तीफा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बोम्मई ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि एक साथ मिल बैठकर मुद्दे का हल कर लिया जाएगा.
मतभेद दूर हो जाने और सिंह के इस्तीफा नहीं देने का जिक्र करते हुए अशोक ने कहा कि मंत्री 15 अगस्त को विजयनगर जिले में राष्ट्र ध्वज फहराएंगे.
सूत्रों के मुताबिक, आनंद सिंह ऊर्जा विभाग के साथ-साथ वन विभाग पाने को इच्छुक थे, जो पिछली बीएस येदियुरप्पा सरकार में उनके पास था. उन्होंने बताया, लेकिन उनकी इच्छा के विपरित उन्हें पर्यटन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग दे दिया गया. जिससे वह नाराज थे.
यह भी पढ़ें- शशिकला को लग्जरी सुविधा मामला: हिंडालगा जेल अधीक्षक के घर पर एसीबी की रेड
बोम्मई से मिलने से पहले, सिंह और गौड़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. बैठक के बाद गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि सिंह ने येदियुरप्पा के समक्ष अपनी बात रखी. जवाब में, लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता ने दोनों से शांत रहने को कहा.
मंत्री ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए नव सृजित जिले विजयनगर के होस्पेट में अपना विधायक कार्यालय भी बंद कर दिया था.
येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से 26 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद बोम्मई ने 28 जुलाई को राज्य के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और चार अगस्त को 29 मंत्रियों के साथ मंत्रिमंडल का विस्तार किया था.
भाजपा विधायकों में असंतोष
बोम्मई के मुख्यमंत्री बनने के महज पखवाड़े भर बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा विधायकों और मंत्रियों के एक हिस्से के बीच असंतोष बढ़ता नजर आ रहा है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि विधायक एसए रामदास, अभय पाटिल, रमेश जरकीहोली, एमपी रेणुकाचार्य, अरविंद बेलाड, बासनगौड़ा पाटिल और उमेश कुमाथली मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर नाराज हैं.
मुख्यमंत्री के फैसले को स्वीकार करने वाले नाराज मंत्री एन नागराज (एमटीबी) ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि बोम्मई ने उनसे वादा किया था कि उनका विभाग बदल दिया जाएगा और उन्हें उन पर भरोसा है.
(एजेंसी इनपुट)