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छत्तीसगढ़ में बालवाड़ी योजना का शुभारंभ, 'जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी'

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बालवाड़ी योजना का शुभारंभ किया है. 'जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी' की थीम पर बालवाड़ी की स्थापना की गई है. इस योजना से पांच से छह साल आयु वर्ग के बच्चों को खेल खेल में सीखने का अवसर मिलेगा. नई शिक्षा नीति के अनुरूप बालवाड़ियां संचालित होंगी. 5 हजार 173 बालवाड़ियों के साथ योजना का शुभारंभ किया गया है.

सीएम भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल
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Published : Sep 5, 2022, 10:49 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षक दिवस पर बालवाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के तहत खेल खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पांच से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए शुरू की गई है.

क्या है बालवाड़ी योजना : 'जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी' की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम की मौजूदगी में इस योजना की शुरूआत की है. बालवाड़ी योजना के माध्यम से बच्चे सीखने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जा सकेगा. बच्चों के लिए हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी. इसके लिए सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी दिया जाएगा.

खेल खेल में पढ़ाई करेंगे बच्चे : बच्चों को खेल खेल में और रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. प्रत्येक बालवाड़ी के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री और रंगरोगन के लिए 1 लाख रुपए की स्वीकृति भी दी गई है. बालवाड़ी‘ नाम से संचालित होने वाली इस योजना के माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 68 हजार 54 बच्चे लाभान्वित होंगे. ‘बालवाड़ी‘ के संचालन के लिए बच्चों की सामग्री ‘बालवाटिका‘ तैयार की जा चुकी है. शिक्षकों को प्रशिक्षण दे दिया गया है.

स्कूलों में ही होगा संचालन : बालवाड़ी का संचालन स्कूल परिसर में भोजन अवकाश के पूर्व दो घंटे संचालित किया जाएगा. इन स्थानों पर अतिरिक्त कक्ष के निर्माण किया गया है.इस योजना को संचालित किए जाने से शाला पूर्व ही बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान को बेहतर करने के लिए आधार प्राप्त होगा, जो प्राथमिक स्तर में बच्चों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने में नींव का पत्थर साबित होगा. इस प्रकार राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3 लाख 23 हजार 624 विद्यार्थियों में से 68 हजार 54 विद्यार्थी इसी सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे.

बचपन में ही बुद्धि का विकास : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ''वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है. एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं. शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो.''

बालवाड़ी योजना का उद्देश्य : योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि ''बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक,सामाजिक,मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिए एक शिक्षण सेतु के तौर पर काम करेगी ताकि 5 से 6 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएं तो वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हों.''

कितनी बालवाड़ी हुई शुरु : स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने कहा है कि ''इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं. आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां खोली जाएंगी.''

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षक दिवस पर बालवाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के तहत खेल खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पांच से छह वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए शुरू की गई है.

क्या है बालवाड़ी योजना : 'जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी' की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम की मौजूदगी में इस योजना की शुरूआत की है. बालवाड़ी योजना के माध्यम से बच्चे सीखने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जा सकेगा. बच्चों के लिए हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी. इसके लिए सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी दिया जाएगा.

खेल खेल में पढ़ाई करेंगे बच्चे : बच्चों को खेल खेल में और रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. प्रत्येक बालवाड़ी के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री और रंगरोगन के लिए 1 लाख रुपए की स्वीकृति भी दी गई है. बालवाड़ी‘ नाम से संचालित होने वाली इस योजना के माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 68 हजार 54 बच्चे लाभान्वित होंगे. ‘बालवाड़ी‘ के संचालन के लिए बच्चों की सामग्री ‘बालवाटिका‘ तैयार की जा चुकी है. शिक्षकों को प्रशिक्षण दे दिया गया है.

स्कूलों में ही होगा संचालन : बालवाड़ी का संचालन स्कूल परिसर में भोजन अवकाश के पूर्व दो घंटे संचालित किया जाएगा. इन स्थानों पर अतिरिक्त कक्ष के निर्माण किया गया है.इस योजना को संचालित किए जाने से शाला पूर्व ही बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान को बेहतर करने के लिए आधार प्राप्त होगा, जो प्राथमिक स्तर में बच्चों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने में नींव का पत्थर साबित होगा. इस प्रकार राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3 लाख 23 हजार 624 विद्यार्थियों में से 68 हजार 54 विद्यार्थी इसी सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे.

बचपन में ही बुद्धि का विकास : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ''वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है. एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं. शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो.''

बालवाड़ी योजना का उद्देश्य : योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि ''बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक,सामाजिक,मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिए एक शिक्षण सेतु के तौर पर काम करेगी ताकि 5 से 6 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएं तो वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हों.''

कितनी बालवाड़ी हुई शुरु : स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने कहा है कि ''इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं. आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां खोली जाएंगी.''

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