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Reservation Amendment Bill: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर बवाल, फिर सीएम के निशाने पर राज्यपाल

छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल को नोटिस जारी किया है. इसके बाद राजभवन सचिवालय की ओर से उसका जवाब दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं कर सकता. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर राज्यपाल पर पलटवार किया है.CM bhupesh attacks on Governor

Reservation Amendment Bill
छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर बवाल
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Published : Feb 7, 2023, 6:44 PM IST

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर घमासान

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक लाकर राज्यपाल के पास साइन करने के लिए भेजा था.लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लिहाजा सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने भी सरकार की अपील स्वीकारते हुए राज्यपाल से इस पूरे मामले में 17 फरवरी तक जवाब मांगा था. लेकिन अब सचिवालय ने हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर ये जवाब दिया है कि हाईकोर्ट राज्यपाल को नोटिस नहीं जारी कर सकता है. इस जवाब के बाद अब सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया है.


सीएम भूपेश ने फिर राज्यपाल को घेरा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' राज्यपाल खुद अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं. जो बिल विधानसभा से पारित हुआ है, सरकार से पूछने का उन्हें अधिकार ही नहीं है. उसी आधार पर कोर्ट गए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह दुर्भाग्य जनक है. कोर्ट ने जब नोटिस दिया है, तो कोर्ट में जवाब देना चाहिए. कोर्ट के बाहर जवाब नहीं देना चाहिए. अपना पक्ष रखना चाहिए और वकील भी लगा रहे तो राज्य सरकार से पूछकर ही लगाएंगी. क्योंकि हमारी सरकार की सलाह से ही राज्यपाल काम करती हैं.''


क्या है सचिवालय का जवाब : बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल के सचिवालय को नोटिस जारी करने के मामले में राजभवन ने स्थिति स्पष्ट की है. राजभवन ने बताया है कि '' हाईकोर्ट राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं कर सकता. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी सामने रखा है. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को नोटिस जारी करने पर पूर्णतः रोक लगाई है. आरक्षण संशोधन विधेयक पर हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद राज्यपाल सचिवालय को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल को नोटिस जारी करने पर पूर्णतः रोक है. वह न्यायालय के प्रति जवाब देह नहीं है.''

ये भी पढ़ें- आरक्षण विधेयक रोकने पर हाईकोर्ट ने सचिवालय राज्यपाल को जारी किया नोटिस

किसने जारी किया नोटिस : बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर न करने के मामले को लेकर दायर दो अलग अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उईके को नोटिस जारी किया था. याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने राज्यपाल से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है. अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर घमासान

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक लाकर राज्यपाल के पास साइन करने के लिए भेजा था.लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लिहाजा सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने भी सरकार की अपील स्वीकारते हुए राज्यपाल से इस पूरे मामले में 17 फरवरी तक जवाब मांगा था. लेकिन अब सचिवालय ने हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर ये जवाब दिया है कि हाईकोर्ट राज्यपाल को नोटिस नहीं जारी कर सकता है. इस जवाब के बाद अब सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया है.


सीएम भूपेश ने फिर राज्यपाल को घेरा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' राज्यपाल खुद अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं. जो बिल विधानसभा से पारित हुआ है, सरकार से पूछने का उन्हें अधिकार ही नहीं है. उसी आधार पर कोर्ट गए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह दुर्भाग्य जनक है. कोर्ट ने जब नोटिस दिया है, तो कोर्ट में जवाब देना चाहिए. कोर्ट के बाहर जवाब नहीं देना चाहिए. अपना पक्ष रखना चाहिए और वकील भी लगा रहे तो राज्य सरकार से पूछकर ही लगाएंगी. क्योंकि हमारी सरकार की सलाह से ही राज्यपाल काम करती हैं.''


क्या है सचिवालय का जवाब : बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल के सचिवालय को नोटिस जारी करने के मामले में राजभवन ने स्थिति स्पष्ट की है. राजभवन ने बताया है कि '' हाईकोर्ट राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं कर सकता. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी सामने रखा है. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को नोटिस जारी करने पर पूर्णतः रोक लगाई है. आरक्षण संशोधन विधेयक पर हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद राज्यपाल सचिवालय को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल को नोटिस जारी करने पर पूर्णतः रोक है. वह न्यायालय के प्रति जवाब देह नहीं है.''

ये भी पढ़ें- आरक्षण विधेयक रोकने पर हाईकोर्ट ने सचिवालय राज्यपाल को जारी किया नोटिस

किसने जारी किया नोटिस : बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर न करने के मामले को लेकर दायर दो अलग अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उईके को नोटिस जारी किया था. याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने राज्यपाल से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है. अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.

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