नई दिल्ली: उत्तराखंड में 17 दिन तक टनल में फंसे रहने वाले 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने में दिल्ली के जिन रैट माइनर्स की अहम भूमिका रही, सीएम अरविंद केजरीवाल शुक्रवार शाम चार बजे उन मुलाकात करेंगे. 12 रैट माइनर्स की टीम में से छह दिल्ली के खजूरी खास इलाके के रहने वाले हैं.
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Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Delhi CM Arvind Kejriwal will meet rat-hole miners at his residence at 4 pm today: Delhi CMO
— ANI (@ANI) December 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The rat-hole miners who were part of the rescue ops work for Delhi Jal Board
(File pic) pic.twitter.com/wYtODc2zSF
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— ANI (@ANI) December 1, 2023
The rat-hole miners who were part of the rescue ops work for Delhi Jal Board
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खजूरी खास के राजीव नगर कॉलोनी में रहने वाले रैट माइनर्स जब अपने घर पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ. कॉलोनी में लोग उनसे मिलने और धन्यवाद देने पहुंचे. इस दौरान स्थानीय कांग्रेस नेता भी वहां पहुंचे. रैट माइनर्स में की टीम में शामिल मुन्ना कुरैशी ने कहा कि वह सालों से यह काम कर रहे हैं. बरसात के समय में खुदाई का काम बंद हो जाता है, इसीलिए उन चार महीनों में परेशानी होती है. उनके अलावा रैट माइनर्स टीम का नेतृत्व करने वाले वकील हसन भी राजीव नगर में ही रहते हैं. वह मुन्ना के साथ मिलकर खुदाई से जुड़े काम का ठेका लेते हैं.
ऐसे जुड़े सिल्कयारा ऑपरेशन से: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रैट माइनर वकील हसन ने बताया कि 23 नवंबर को उनके पास उत्तराखंड ऑपरेशन से जुड़ी कंपनी में काम करने वाले शख्स अशोक का फोन आया. उसने बताया कि टनल में 41 मजदूर फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने की सभी कोशिशें में फेल हो चुकी हैं. अब मैन्युअल खुदाई करके ही मजदूरों को निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. इसके बाद उन्होंने मुन्ना कुरैशी से बात की, जिसके लिए वह भी तैयार हो गए. फिर मोहम्मद राशिद, फिरोज कुरेशी, मोहम्मद इरशाद अंसारी और मोहम्मद नसीम के साथ रात में सभी लोग उत्तरकाशी पहुंचे. पिछले सप्ताह के शुक्रवार को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें कॉल कर तुरंत काम शुरू करने को कहा और उन्होंने ट्रॉली, फावड़े आदि से साथ टनल में पहुंचकर मजदूरों को बचाने के लिए हाथ से खुदाई का काम शुरू कर दिया.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से उत्तराखंड पहुंचने के बाद उनकी टीम को टनल के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन की तरफ से 36 घंटे का समय दिया गया था. उन्हें इस बात की खुशी है कि इससे कम समय में ही वह काम को पूरा करने में सफल रहे. मुन्ना कुरैशी ने कहा कि जब मलबा हटा और वहां फंसे मजदूरों की झलक उन्होंने देखी तो पहले तो यकीन ही नहीं हुआ कि उन्हें सफलता मिल गई. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड भी अपने कार्यों के लिए उनकी मदद लेती रही है.