नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को बजट पर लगे ब्रेक को लेकर आम आदमी पार्टी ने संकल्प प्रस्ताव लाया. इस पर चर्चा हुई. इसमें कई विधायकों ने अपनी बातें रखी. नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी अपनी बातें रखी और अंत में अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भड़क गए. उन्होंने LG और PM मोदी को जमकर खरी-खोटी सुनाई.
PM नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए CM केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को तकलीफ है कि दिल्ली में बार-बार आम आदमी पार्टी क्यों जीत रही है. प्रधानमंत्री जी को कहना चाहता हूं आप दिल्ली जीतना चाहते हो तो आपको मंत्र देता हूं दिल्ली जीतने के लिए आपको दिल्ली के लोगों का दिल जीतना होगा. रोज-रोज झगड़ने से दिल्ली वाले आप को वोट नहीं देंगे. मैंने दिल्ली में अगर हजार स्कूल ठीक कर दिए तो आपके सामने तो बहुत स्कूल है आप उसे ठीक कर दो. अगर आप दिल्ली के काम को रोकने की कोशिश करोगे तो आप इस जन्म में दिल्ली को नहीं जीत पाओगे. हमसे लंबी लकीर खींचो.
छोटा भाई बनने को तैयार हूंः विधानसभा में केजरीवाल ने खुलकर कहा कि प्रधानमंत्री बड़े भाई की भूमिका निभाए और मैं स्वयं छोटे भाई बनकर उनका सहयोग करने के लिए तैयार हूं, साथ हूं. हम आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते. आप से सहयोग चाहते हैं हम बहुत छोटे हैं. आपके सामने छोटे भाई की तरह, बड़ा भाई कोई छोटे भाई को आकर रोज डांटें तो छोटा भाई कब तक बर्दाश्त करेगा. अगर आपको छोटे भाई का दिल जीतना है तो छोटे भाई को प्यार करो, छोटे भाई के साथ चलो, वही छोटा भाई आपका साथ देगा. इसके बाद मुख्यमंत्री ने संकल्प प्रस्ताव का समर्थन किया.
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देर आए दुरुस्त आए। केंद्र सरकार ने हमारा बजट पास कर दिया। पहले ही पास कर देते, इतना बखेड़ा करने की क्या ज़रूरत थी? - CM @ArvindKejriwal | LIVE https://t.co/zVoB05KrtI
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अंबेडकर जी ने सपने में भी नहीं सोचा थाः प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की रोक के कारण आज दिल्ली विधानसभा में बजट पेश नहीं हो पाया. सोचता हूं बाबा साहब अंबेडकर जब संविधान लिख रहे थे तो उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि ऐसी परिस्थिति भी आएगी. 10 मार्च को दिल्ली सरकार ने बजट केंद्र को भेजा. कुछ ऑब्जेक्शन लगाकर 17 मार्च को केंद्र ने वापस किया. अभी नेता विपक्ष ने कहा कि उपराज्यपाल साहब ने ऑब्जेक्शन लगाएं. संविधान के अंदर उपराज्यपाल को कोई भी ऑब्जेक्शन लगाने का अधिकार नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. सुप्रीम कोर्ट 2018 का आर्डर साफ-साफ कहता है संविधान का आर्टिकल 239 एए में दिल्ली के उपराज्यपाल सिर्फ ठप्पा लगाने के लिए है.
LG को सरकार चलानी थी तो विधायक क्यों चुनाः केजरीवाल ने कहा कि अगर LG को ही सरकार चलानी थी तो विधायक क्यों चुने गए. यह किसी राज्य का बजट केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है, यह परंपरा चली आ रही है. कई सालों से चली आ रही परंपरा को हम भी मानते रहते हैं. आज तक कभी केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य सरकार में ऐतराज नहीं किया. पहली बार यह परंपरा टूटी है. उपराज्यपाल ने ऑब्जेक्शन लगाकर भेजें वही अपने आप में असंवैधानिक है.
मंत्री ने नोट बनाया. हमारे पास एक विकल्प था कि हम लड़ लेते. कोर्ट चले जाते, लेकिन हमने कहा कि हमें लड़ना नहीं है. उधर से जो भी ऑब्जरवेशन आया था उसका जवाब हमने लिखा और भेज दिया. हमने जवाब दे दिया आज वह बजट अप्रूव हो गया. यह राजनीति है. अहंकार है. वे खुश हो गए. खुश हो गए कि केजरीवाल को झुका दिया. बजट में फंड के आवंटन पर ऑब्जेक्शन लगाया गया था कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 20,000 करोड़ और विज्ञापन मद में 500 करोड़ अधिक है. 500 करोड़ कैसे 20,000 करोड़ से अधिक हो गया.
ऊपर से नीचे तक अनपढ़ों की जमातः मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऊपर से नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है. जब बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया तो केजरीवाल ने कहा कि मैंने आपके नेता को नहीं कहा तो आपको कैसे बुरा लगा. मैंने किसी का नाम नहीं लिया. 500 करोड़ पिछले साल भी रखा था. 500 करोड़ इस साल में रखा है. पिछले साल की तरह बजट रखा है और कहा जा रहा है कि बजट बढ़ा दिया. आज बिना किसी बदलाव के वह बजट को एलजी साहब ने भी रात को अप्रूव कर दिया और गृह मंत्रालय ने भी अप्रूव कर दिया. क्या जरूरत थी? वह कह रहे थे मेरे सामने झुको, मेरे पैर पकड़ो, मैं झुक गया. आप ही प्रभु आप ही सब कुछ हो मेरी. हम राजनीति में लड़ने के लिए नहीं आए, हमें राजनीति करनी नहीं आती है. जिस घर में लड़ाई होती है वह घर बर्बाद हो जाता है.