नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने टीएमसी से कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के शेष तीन चरणों का मतदान एक साथ कराना संभव नहीं.
इससे पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को पत्र लिखकर कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के शेष तीनों चरणों का मतदान एक साथ कराने के उसके अनुरोध को स्वीकार करने का आग्रह किया है.
मुख्यमंत्री तथा पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को अपनी रैलियों में निर्वाचन आयोग से तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के उसके निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था.
43 सीटों पर कल वोटिंग
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 4 जिलों की 43 सीटों पर कल मतदान होगा. इस चरण में उत्तर 24 परगना जिले की 17, नदिया जिले की 9, पूर्व वर्धमान जिले की 8 और उत्तरी दिनाजपुर जिले की 9 सीटों पर मतदान होगा. इनमें से 34 सीटें अनारक्षित जबकि 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
छठे चरण की 43 सीटों पर कुल 306 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें से 279 पुरुष और 27 महिला उम्मीदवार हैं. इस चरण में 21 दलों के 224 उम्मीदवार और 82 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. बड़े दलों की बात करें तो इस चरण में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ने सभी 43 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि बीएसपी ने 37, एसयूसीआई(सी) ने 27, सीपीएम ने 23 और कांग्रेस ने सिर्फ 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के तहत अंतिम दो चरणों के मतदान 26 और 29 अप्रैल को कराए जाएंगे. चुनावी नतीजों की घोषणा 2 मई को होगी.