कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की गड़सा घाटी की पारली पंचायत के शिला नाला में शनिवार को बादल फट गया. वहीं, बादल फटने के चलते नाले में भी बाढ़ आ गई है. बाढ़ के मलबे के कारण हुरला में खेतों को भी खासा नुकसान हुआ है. दोपहर के समय अचानक बादल फटने से गड़सा घाटी में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. हालांकि अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि नाली के ऊपर कुछ पुलिया भी इस बाढ़ की चपेट में आ गई है.
इसके अलावा पर्यटन नगरी मनाली के सोलंग नाला में नाले में बाढ़ (Cloud burst in Himachal) आने से अंजनी महादेव की ओर जाने वाली पुलिया भी बह गई है. साथ ही बुरुआ गांव की कूहल को भी नुकसान पहुंचा है और पीने के पानी की लाइन भी बह गई है. जिस समय नाले में बाढ़ आई उस समय स्थानीय लोग व पर्यटक अंजनी महादेव मंदिर के आसपास थे, लेकिन पानी बढ़ता देख लोगों ने शोर मचाया और सभी को सुरक्षित सोलंग की ओर भेज दिया. थोड़ी देर बाद पानी बढ़ गया जिससे अंजनी महादेव मंदिर को जाने वाली पुलिया बह गई.
अंजनी महादेव नाले में बादल फटने से ब्यास नदी (Cloud burst in kullu) का भी जल स्तर बढ़ गया है. मनाली प्रशासन ने अंजनी महादेव पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है. ब्यास नदी के जलस्तर को बढ़ता देख प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है. नेहरुकुंड सहित बाहंग, वोल्वो बस स्टैंड, रांगड़ी, आलू ग्राउंड, 17 मील, 15 मील, पतलीकूहल सहित डोभी बिहाल में नदी के पानी से खतरा बढ़ गया है. एसडीएम मनाली डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि अंजनी महादेव नाले में बाढ़ आने से पुलिया बह गई है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. उन्होने कहा कि नदी किनारे रहने वाले लोगों को आगाह कर दिया गया है और रेस्क्यू टीम भी सतर्क रहने को कहा गया है.
बता दें कि बुधवार को भी सुबह कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटा था. बादल फटने (Cloud Burst in Kullu) से करीब आधा दर्जन गाड़ियां इसकी चपेट में आ गई थीं. जानकारी के मुताबिक टीन शेड में रखे हुए आधा दर्जन खच्चर भी पानी में बह गए थे. इसके अलावा मलाणा हाइड्रो प्रोजेक्ट में भी पानी घुस गया था. जहां मौजूद 30 कर्मचारियों का रेस्क्यू किया गया था.
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