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यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए लिपिक के सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश पर रोक - Gender Sensitization and Internal Complaints Committee- GSICC

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक अधिवक्ता के लिपिक के रूप में काम कर रहे व्यक्ति को तीन महीने तक शीर्ष अदालत परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है. वह व्यक्ति यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है.

यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए लिपिक के सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश पर रोक
यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए लिपिक के सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश पर रोक
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Published : Jul 2, 2021, 8:35 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक अधिवक्ता के लिपिक के रूप में काम कर रहे व्यक्ति को शीर्ष अदालत में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वह व्यक्ति यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है. उसपर अदालत ने तीन महीने तक शीर्ष अदालत परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है.

उच्चतम न्यायालय की लिंग संवेदीकरण एवं आंतरिक शिकायत समिति (Gender Sensitization and Internal Complaints Committee- GSICC) द्वारा अशोक सैनी को दोषी पाए जाने के बाद उसपर पाबंदी लगाई गई है.

पढ़ें : SC ने केजरीवाल को गवाही की प्रति देने के आदेश के खिलाफ पुलिस की याचिका खारिज की

समिति ने एक बयान जारी कर कहा कि संबंधित व्यक्ति पर यह प्रतिबंध एक जुलाई से 30 सितंबर तक लागू रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक अधिवक्ता के लिपिक के रूप में काम कर रहे व्यक्ति को शीर्ष अदालत में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वह व्यक्ति यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है. उसपर अदालत ने तीन महीने तक शीर्ष अदालत परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है.

उच्चतम न्यायालय की लिंग संवेदीकरण एवं आंतरिक शिकायत समिति (Gender Sensitization and Internal Complaints Committee- GSICC) द्वारा अशोक सैनी को दोषी पाए जाने के बाद उसपर पाबंदी लगाई गई है.

पढ़ें : SC ने केजरीवाल को गवाही की प्रति देने के आदेश के खिलाफ पुलिस की याचिका खारिज की

समिति ने एक बयान जारी कर कहा कि संबंधित व्यक्ति पर यह प्रतिबंध एक जुलाई से 30 सितंबर तक लागू रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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