नई दिल्ली: बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट का स्वच्छ ऊर्जा विकास पर असर पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि भारत के पास इस क्षेत्र में ऐसी कई बड़ी कंपनियां हैं. स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र पर अडाणी समूह के शेयर गिरने के प्रभाव के बारे में पूछने पर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमारे पास दुनिया की सबसे मजबूत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसका मतलब है कि हमारे पास वैश्विक स्तर की 15-16 बड़ी कंपनियां हैं. इससे हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमारे पास कई बड़ी कंपनियां हैं और उनमें से कुछ दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनियां हैं.' सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दल अडाणी समूह के खिलाफ लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर गिरने के मामले की जांच एक संयुक्त समित से कराने की मांग की है.
अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरने से उसमें भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सरकारी बैंकों के लगाए पैसे पर खतरा मंडराने लगा है. न्यूयॉर्क की एक निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर वित्तीय और लेनदेन संबंधी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. पिछले हफ्ते उसकी रिपोर्ट आने के बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट हुई है और अब तक उसे 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.
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हालांकि अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने सभी नियमों का पालन किया है. उसने शोध फर्म की रिपोर्ट को आधारहीन बताया है. यह स्वीकार करते हुए कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पनबिजली की बड़ी संभावना है, सिंह ने कहा कि 2000 मेगावाट की चल रही लोअर सुबनसिरी पनबिजली परियोजना की पहली इकाई जून तक काम करना शुरू कर देगी.