कांचीपुरम : कांचीपुरम के प्रसिद्ध वरदराज पेरुमल अथिवरार मंदिर में दो वैष्णव संप्रदायों थेक्लाई और वडक्कलाईयों के बीच मंत्रोच्चार को लेकर झड़प हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
यह है पूरा मामला
शुक्रवार को कांचीपुरम में उस समय तनाव पैदा हो गया जब दो वैष्णव समुदाय के उप-संप्रदायों वाडाकलाई और थेक्कलाई के बीच विवाद हो गया. यहां वरदराला पेरुमल मंदिर में देवता के समक्ष भजनों के उच्चारण पर गर्मागर्म बहस हो गई. दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाये. अंत में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. जिसके बाद दोनों समूहों के अनुष्ठान पद्धतियों का पालन किया गया.
पहले भी हो चुका है विवाद
यह पहला अवसर नहीं है जब दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ हाथापाई की थी. इससे पहले वरदराजा पेरुमल मंदिर में कई भक्तों की उपस्थिति में इसी तरह का विवाद हो चुका है. इनका विवाद अदालत तक पहुंचता है और एक-दूसरे पर आरोप लगाने के मामलों में कभी-कभार फैसले के बावजूद दोनों पक्ष भिड़ जाते हैं.
यह भी पढ़ें- केरल : दंपति के आत्मदाह के मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई
यह है विवाद की असल वजह
थक्कलई और वाडाकलई आयंगर समुदाय के संप्रदाय हैं. जिन्हें भगवान विष्णु की पूजा के लिए जाना जाता है. दो संप्रदायों के बीच मुख्य अंतर वह भाषा है जिसमें उनकी प्रार्थना पुस्तकें लिखी जाती हैं. जहां थेक्कलई संप्रदाय तमिल आधारित परंपराओं पर ध्यान केंद्रित करता है वहीं वडक्कलई संस्कृत से संबंधित परंपराओं में विश्वास रखते हैं.
यह हैं इनकी मान्यताएं
ऐतिहासिक रूप से यह परंपरा पूर्व में कांचीपुरम के आसपास के क्षेत्र में फली-फूली. जबकि बाद वाले श्रीरंगम में थे। वडकलियों ने संस्कृत में लिखे गए वैदिक साहित्य पर जोर दिया तो दूसरी ओर थेक्कलाई संप्रदाय ने तमिल में लिखे गए दिव्य प्रबन्धों के महत्व को माना.