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कृष्णा नदी जल बंटवारा मामले से सीजेआई ने किया किनारा, सहमति से सुलझाने की सलाह

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कृष्णा नदी जल बंटवारे को लेकर तेलंगाना के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. मुख्य न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि आपसी सहमति से मामले को सुलझाएं.

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Published : Aug 2, 2021, 2:48 PM IST

नई दिल्ली : कृष्णा नदी जल बंटवारे को लेकर तेलंगाना के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई रमना ने कहा कि मैं इस मामले को कानूनी रूप से नहीं सुनना चाहता. मैं दोनों राज्यों से संबंधित हूं. अगर मध्यस्थता में मामला सुलझाया जा सकता है, तो कृपया ऐसा करें. हम इसमें मदद कर सकते हैं. अन्यथा मैं इसे दूसरी बेंच में स्थानांतरित कर दूंगा.

यह भी पढ़ें-केरल रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीड़िता की आरोपी से शादी की याचिका

CJI ने वकीलों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों राज्य इस पर राजी हो जाएंगे. मामले की सुनवाई अब बुधवार को एक अलग पीठ करेगी और आंध्र प्रदेश तब जवाब देगा. आंध्र प्रदेश का आरोप है कि तेलंगाना जलाशयों के एकीकृत संचालन के नियमों और 2015 के समझौते के प्रावधानों के खिलाफ बिजली के उपयोग के लिए पानी खींच रहा है.

नई दिल्ली : कृष्णा नदी जल बंटवारे को लेकर तेलंगाना के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई रमना ने कहा कि मैं इस मामले को कानूनी रूप से नहीं सुनना चाहता. मैं दोनों राज्यों से संबंधित हूं. अगर मध्यस्थता में मामला सुलझाया जा सकता है, तो कृपया ऐसा करें. हम इसमें मदद कर सकते हैं. अन्यथा मैं इसे दूसरी बेंच में स्थानांतरित कर दूंगा.

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CJI ने वकीलों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों राज्य इस पर राजी हो जाएंगे. मामले की सुनवाई अब बुधवार को एक अलग पीठ करेगी और आंध्र प्रदेश तब जवाब देगा. आंध्र प्रदेश का आरोप है कि तेलंगाना जलाशयों के एकीकृत संचालन के नियमों और 2015 के समझौते के प्रावधानों के खिलाफ बिजली के उपयोग के लिए पानी खींच रहा है.

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