नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 3,422.43 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम कर रहा है. संसद के निचले सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के माध्यम से राज्यों में निवेश की सुविधा के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाये जा रहे हैं.
मंत्री ने संसद को बताया कि 3,422.43 करोड़ रुपये की परियोजनाओं काम चल रहा है इसके साथ ही उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए एमडीओएनईआर योजनाओं के तहत 51 परियोजनाओं के लिए 4,345.16 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
हालांकि, पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए योजनाओं में सरकार की ओर से किये गये अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, रेड्डी ने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर अपने सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) का कम से कम 10% खर्च करना अनिवार्य कर दिया गया है. फिलहाल सभी गैर-छूट वाले केंद्रीय मंत्रालय (वर्तमान में 55) इस पर काम कर रहे हैं.
मंत्री ने संसद को बताया कि इसके अतिरिक्त, चयनित पिछड़े समुदायों के लिए 69.95 करोड़ रुपये की लागत वाली 15 परियोजनाएं, चयनित पिछड़े ब्लॉकों के लिए 174.26 करोड़ रुपये की लागत वाली 14 परियोजनाएं चल रही हैं. चयनित गांवों में प्रमुख चिन्हित सेवाएं प्रदान करने के लिए एनईसी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 26.56 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश बढ़ाने की सरकार की पहल के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड और उत्तर पूर्वी राज्यों में राज्य लोक निर्माण विभागों के माध्यम से कार्यान्वयन के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 261 सड़क परियोजनाएं हैं, जिनकी कुल स्वीकृत लागत 1,02,594 करोड़ रुपये है.