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उद्योगपतियों से पीएम का आह्वान, जोखिम उठाएं, आत्मनिर्भर भारत आपके बिना सफल नहीं हो सकता

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Published : Aug 12, 2021, 5:00 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है ऐसे में उद्योगों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है.

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग के मालिकों से जोखिम लेने और निवेश को बढ़ाने का आग्रह किया जो अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने(पीएम मोदी) उन्हें (मालिकों को) अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में उनका सहयोग मांगा, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में कोविड -19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण 7% से अधिक की गिरावट आई है.

उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार मजबूरी में सुधारों को नहीं बढ़ा रही है बल्कि मजबूती और विश्वास के साथ सुधारों को आगे बढ़ा रही है और राष्ट्र हित में कोई भी जोखिम उठाने को तैयार है.

भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन, सीआईआई के अध्यक्ष, सीईओ और एमडी, कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक सहित अन्य की एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आप लोगों से जोखिम लेने की अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति का और विस्तार करने का आग्रह करूंगा. प्रधानमंत्री ने कहा, निवेश और रोजगार सृजन की गति बढ़ाने के लिए देश को उद्योग से बहुत उम्मीदें हैं.

पिछले सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख आर्थिक सुधारों के बारे में बात करते हुए, जिसमें एक आम राष्ट्रव्यापी वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करना शामिल है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दृढ़ आर्थिक सुधारों को दृढ़ विश्वास के कारण लागू कर रही है, न कि किसी मजबूरी के कारण.

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम है. पीएम ने कहा कि मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर से लेकर, टीकाकरण तक, देश को जो भी जरूरत पड़ी, जब भी जरूरत पड़ी, उद्योगों ने आगे बढ़कर हर संभव योगदान दिया.

उन्होंने देश के आर्थिक पुनरुद्धार में उद्योग द्वारा निभाई गई भूमिका की भी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री ने कहा, आप सभी के प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है. शायद ही कोई दिन होगा जब कोई सीईओ बयान नहीं देगा या जब देश में नए अवसरों के बारे में कोई खबर नहीं होगी.

पढ़ें :- CII सर्वे में दावा- दूसरी कोविड लहर के बाद भारत में तेज आर्थिक सुधार की उम्मीद

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है. पीएम मोदी ने कहा, आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड हाइरिंग से संबंधित रिपोर्ट भी हमने देखी है. ये देश में डिजिटलीकरण और डिमांड की ग्रोथ का ही परिणाम है.

पीएम मोदी, हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम इन अवसरों का उपयोग करते हुए, अपने लक्ष्यों की ओर दो गुनी गति से बढ़ें. आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है, तत्पर है. उन्होंने कहा कि जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वो हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है.

उन्होंने कहा, एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है. इस मनोविज्ञान का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे उद्योग के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था.

लेकिन आज स्थिति तेजी से बदल रही है. आज देशवासियों की भावना, भारत में बने उत्पादों के साथ है. कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने उत्पादों को अपनाना चाहता है. उन्होंने कहा देश में हर क्षेत्र में भरोसा बढ़ रहा है. इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में है. आज यूनिकार्न नए भारत की पहचान भी बन रहे हैं. सात-आठ साल पहले भारत में 3-4 यूनिकार्न रहे होंगे. आज भारत में करीब-करीब 60 यूनिकार्न हैं. इनमें से 21 यूनिकार्न तो बीते कुछ महीनों में ही बने हैं.

पढ़ें :- आर्थिक गतिविधियां हों अनलॉक लेकिन सामाजिक कार्यक्रम अभी रोकें : सीआईआई अध्यक्ष

यूनिकार्न से आशय एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप से है. पीएम मोदी ने कहा, निवेशकों की तरफ से भी भारतीय स्टार्टअप के लिये शानदार प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है. स्टार्टअप की रिकार्ड सूचीबद्धता भारतीय कंपनियों और भारतीय बाजार के लिए एक नए युग की शुरुआत है. यह बताता है कि भारत में वृद्धि के असाधारण अवसर और गुंजाइश उपलब्ध हैं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग के मालिकों से जोखिम लेने और निवेश को बढ़ाने का आग्रह किया जो अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने(पीएम मोदी) उन्हें (मालिकों को) अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में उनका सहयोग मांगा, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में कोविड -19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण 7% से अधिक की गिरावट आई है.

उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार मजबूरी में सुधारों को नहीं बढ़ा रही है बल्कि मजबूती और विश्वास के साथ सुधारों को आगे बढ़ा रही है और राष्ट्र हित में कोई भी जोखिम उठाने को तैयार है.

भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन, सीआईआई के अध्यक्ष, सीईओ और एमडी, कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक सहित अन्य की एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आप लोगों से जोखिम लेने की अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति का और विस्तार करने का आग्रह करूंगा. प्रधानमंत्री ने कहा, निवेश और रोजगार सृजन की गति बढ़ाने के लिए देश को उद्योग से बहुत उम्मीदें हैं.

पिछले सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख आर्थिक सुधारों के बारे में बात करते हुए, जिसमें एक आम राष्ट्रव्यापी वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करना शामिल है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दृढ़ आर्थिक सुधारों को दृढ़ विश्वास के कारण लागू कर रही है, न कि किसी मजबूरी के कारण.

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम है. पीएम ने कहा कि मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर से लेकर, टीकाकरण तक, देश को जो भी जरूरत पड़ी, जब भी जरूरत पड़ी, उद्योगों ने आगे बढ़कर हर संभव योगदान दिया.

उन्होंने देश के आर्थिक पुनरुद्धार में उद्योग द्वारा निभाई गई भूमिका की भी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री ने कहा, आप सभी के प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है. शायद ही कोई दिन होगा जब कोई सीईओ बयान नहीं देगा या जब देश में नए अवसरों के बारे में कोई खबर नहीं होगी.

पढ़ें :- CII सर्वे में दावा- दूसरी कोविड लहर के बाद भारत में तेज आर्थिक सुधार की उम्मीद

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है. पीएम मोदी ने कहा, आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड हाइरिंग से संबंधित रिपोर्ट भी हमने देखी है. ये देश में डिजिटलीकरण और डिमांड की ग्रोथ का ही परिणाम है.

पीएम मोदी, हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम इन अवसरों का उपयोग करते हुए, अपने लक्ष्यों की ओर दो गुनी गति से बढ़ें. आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है, तत्पर है. उन्होंने कहा कि जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वो हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है.

उन्होंने कहा, एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है. इस मनोविज्ञान का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे उद्योग के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था.

लेकिन आज स्थिति तेजी से बदल रही है. आज देशवासियों की भावना, भारत में बने उत्पादों के साथ है. कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने उत्पादों को अपनाना चाहता है. उन्होंने कहा देश में हर क्षेत्र में भरोसा बढ़ रहा है. इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में है. आज यूनिकार्न नए भारत की पहचान भी बन रहे हैं. सात-आठ साल पहले भारत में 3-4 यूनिकार्न रहे होंगे. आज भारत में करीब-करीब 60 यूनिकार्न हैं. इनमें से 21 यूनिकार्न तो बीते कुछ महीनों में ही बने हैं.

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यूनिकार्न से आशय एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप से है. पीएम मोदी ने कहा, निवेशकों की तरफ से भी भारतीय स्टार्टअप के लिये शानदार प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है. स्टार्टअप की रिकार्ड सूचीबद्धता भारतीय कंपनियों और भारतीय बाजार के लिए एक नए युग की शुरुआत है. यह बताता है कि भारत में वृद्धि के असाधारण अवसर और गुंजाइश उपलब्ध हैं.

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