शिमला : राजधानी शिमला में एक परिवार ने घर में वुडन वर्क के लिए बड़ी मात्रा में लकड़ी खरीदी. इसी बीच इस परिवार को पता चला कि कोरोना संक्रमितों के पार्थिव देह का संस्कार करने के लिए लकड़ी की जरूरत है. समस्या को समझते हुए इस परिवार ने घर के लिए खरीदी लकड़ी कनलोग श्मशान घाट में दे दी.
दरअसल शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग सुपरिटेंडेंट सुकीर्ति और उनके पति ने अपने घर को सजाने के लिए ट्रक भर कर लकड़ी खरीदी थी. तभी उन्होंने देखा कि शिमला के कनलोग में कोविड संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ रही है. ऐसे में दंपति ने फैसला लिया कि वह अपनी खरीदी हुई सारी लकड़ी कलनोग श्मशान घाट को दान में दे देंगे.
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सुकीर्ति और उनका परिवार ईसाई धर्म से संबंध रखता है, लेकिन जब उन्होंने शमशान घाट में लकड़ी की कमी देखी तो अपने घर की लकड़ी दान कर मानवता की मिसाल पेश की है. सुकीर्ति ने बताया कि वह खुद आईजीएमसी में काम करती हैं, लेकिन जब कोविड से मृत लोगों को देखते हैं तो काफी भावुक हो जाती हैं और उनके लिए कुछ करने के लिए मन करता था. तभी उन्हें घर मे लकड़ी दिखी जो घर को सजाने के लिए खरीदी थी. घर तो बाद में भी सजा लेंगे पहले संकट की घड़ी में किसी के काम आना जरूरी है.