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ताइवान स्ट्रेट से गुजर रहे अमेरिकी युद्धपोत को चीन की चेतावनी

चीन की सेना ने बुधवार को दावा किया कि उसने एक अमेरिकी युद्धपोत की निगरानी की और फिर चेतावनी देकर छोड़ दिया. ऐसा तब हुआ जब वह संवेदनशील ताइवान जलडमरूमध्य से गुजर रहा था.

अमेरिकी युद्धपोत
अमेरिकी युद्धपोत
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Published : May 11, 2022, 12:42 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 12:57 PM IST

शंघाई/ताईपे: चीनी सेना ने बुधवार को दावा किया है कि उसने एक अमेरिकी युद्धपोत का निरीक्षण किया और फिर चेतावनी भी दी थी. ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह संवेदनशील ताइवान स्ट्रेट से गुजर रहा था. यह घटना ऐसे समय पर हुई जब चीन द्वीप के पास अपना अभ्यास समाप्त ही किया था. अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने कहा कि गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस पोर्ट रॉयल ने मंगलवार को "अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार" अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग से "नियमित" ताइवान स्ट्रेट ट्रांजिट का संचालन किया. जो कि पिछले दो सप्ताह में यह उसका दूसरा मिशन था.

संयुक्त राज्य अमेरिका हर महीने इस तरह की यात्रा करता है, जिससे चीन शायद नाराज है. क्योंकि चीन इस तरह की यात्रा को ताइवान को अमेरिका का समर्थन के रूप में देखता है. लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप पर बीजिंग अपना अधिकार क्षेत्र मानता है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा कि उसके जवानों ने उस जहाज का पूरा निरीक्षण किया और फिर चेतावनी देकर छोड़ दी थी.

कमांड ने फिर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अक्सर इस तरह की नौटंकी अक्सर करता रहता है. ऐसा करके वह विवाद को भड़काता है. इससे ताइवान की स्वतंत्रता समर्थकों को गलत संदेश जाता है. फिर वे जानबूझकर ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को बढ़ाते हैं. पीएलए ने दोहराया कि "इस्टर्न थिएटर के सैनिक हर समय हाई अलर्ट पर रहते हैं. सभी तरह के खतरों और उकसावे का डटकर मुकाबला करने में सक्षम हैं. इसके साथ ही वो राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की मजबूती के साथ कटिबद्ध हैं."

अमेरिकी नौसेना ने कहा कि जहाज "जलडमरूमध्य के एक गलियारे से गुजरा जो किसी भी तटीय देश के क्षेत्रीय समुद्री सीमा से परे है. ताइवान जलडमरूमध्य में पोर्ट रॉयल की यात्रा एक स्वतंत्र और ओपेन इंडो-पैसिफिक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. संयुक्त राज्य की सेना कहीं भी उड़ान भरती है, यात्रा करती है और ऑपरेट करती है."

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी जहाज जलडमरूमध्य के माध्यम से उत्तर की ओर रवाना हुआ, और जलमार्ग में स्थिति "सामान्य" थी. साथ ही कहा कि एक चीनी WZ-10 अटैक हेलीकॉप्टर ने जलडमरूमध्य की अनौपचारिक मध्य रेखा को कुछ समय के लिए पार किया था. जिसको दोनों पक्षों के लड़ाकू विमान आमतौर पर गुजरने से परहेज करते हैं. परंतु चीन की वायु सेना कभी-कभी ऐसा करती है. इसने यह भी बताया कि दो चीनी KA-28 पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी तट और दक्षिण चीन सागर के शीर्ष भाग में ताइवान-नियंत्रित प्रतास द्वीप समूह के बीच लगभग आधे क्षेत्र में दिखे थे.

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सोमवार को कहा कि चीन के सशस्त्र बलों ने संयुक्त युद्ध अभियानों में सुधार के लिए पिछले हफ्ते ताइवान के पास एक और अभ्यास किया. चीनी के द्वारा दावा किए जा रहे द्वीप ने गतिविधि में सेंधमारी की सूचना दी. मिसाइल गाइडेड विध्वंसक यूएसएस सैम्पसन 27 अप्रैल को ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से रवाना हुए, जिसकी चीन ने कड़ी निंदा की. साथ ही कहा था कि इस तरह के मिशन "जानबूझकर" शांति और स्थिरता में बाधा हैं. अधिकांश देशों की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका का ताइवान के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है. इसके बावजूद वह (अमेरिका) इसका सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता है. जो बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव का मुख्य कारण है.

यह भी पढ़ें-भारत-चीन संबंध 'तनावपूर्ण' बने रहेंगे : अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट

शंघाई/ताईपे: चीनी सेना ने बुधवार को दावा किया है कि उसने एक अमेरिकी युद्धपोत का निरीक्षण किया और फिर चेतावनी भी दी थी. ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह संवेदनशील ताइवान स्ट्रेट से गुजर रहा था. यह घटना ऐसे समय पर हुई जब चीन द्वीप के पास अपना अभ्यास समाप्त ही किया था. अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने कहा कि गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस पोर्ट रॉयल ने मंगलवार को "अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार" अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग से "नियमित" ताइवान स्ट्रेट ट्रांजिट का संचालन किया. जो कि पिछले दो सप्ताह में यह उसका दूसरा मिशन था.

संयुक्त राज्य अमेरिका हर महीने इस तरह की यात्रा करता है, जिससे चीन शायद नाराज है. क्योंकि चीन इस तरह की यात्रा को ताइवान को अमेरिका का समर्थन के रूप में देखता है. लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप पर बीजिंग अपना अधिकार क्षेत्र मानता है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा कि उसके जवानों ने उस जहाज का पूरा निरीक्षण किया और फिर चेतावनी देकर छोड़ दी थी.

कमांड ने फिर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अक्सर इस तरह की नौटंकी अक्सर करता रहता है. ऐसा करके वह विवाद को भड़काता है. इससे ताइवान की स्वतंत्रता समर्थकों को गलत संदेश जाता है. फिर वे जानबूझकर ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को बढ़ाते हैं. पीएलए ने दोहराया कि "इस्टर्न थिएटर के सैनिक हर समय हाई अलर्ट पर रहते हैं. सभी तरह के खतरों और उकसावे का डटकर मुकाबला करने में सक्षम हैं. इसके साथ ही वो राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की मजबूती के साथ कटिबद्ध हैं."

अमेरिकी नौसेना ने कहा कि जहाज "जलडमरूमध्य के एक गलियारे से गुजरा जो किसी भी तटीय देश के क्षेत्रीय समुद्री सीमा से परे है. ताइवान जलडमरूमध्य में पोर्ट रॉयल की यात्रा एक स्वतंत्र और ओपेन इंडो-पैसिफिक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. संयुक्त राज्य की सेना कहीं भी उड़ान भरती है, यात्रा करती है और ऑपरेट करती है."

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी जहाज जलडमरूमध्य के माध्यम से उत्तर की ओर रवाना हुआ, और जलमार्ग में स्थिति "सामान्य" थी. साथ ही कहा कि एक चीनी WZ-10 अटैक हेलीकॉप्टर ने जलडमरूमध्य की अनौपचारिक मध्य रेखा को कुछ समय के लिए पार किया था. जिसको दोनों पक्षों के लड़ाकू विमान आमतौर पर गुजरने से परहेज करते हैं. परंतु चीन की वायु सेना कभी-कभी ऐसा करती है. इसने यह भी बताया कि दो चीनी KA-28 पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी तट और दक्षिण चीन सागर के शीर्ष भाग में ताइवान-नियंत्रित प्रतास द्वीप समूह के बीच लगभग आधे क्षेत्र में दिखे थे.

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सोमवार को कहा कि चीन के सशस्त्र बलों ने संयुक्त युद्ध अभियानों में सुधार के लिए पिछले हफ्ते ताइवान के पास एक और अभ्यास किया. चीनी के द्वारा दावा किए जा रहे द्वीप ने गतिविधि में सेंधमारी की सूचना दी. मिसाइल गाइडेड विध्वंसक यूएसएस सैम्पसन 27 अप्रैल को ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से रवाना हुए, जिसकी चीन ने कड़ी निंदा की. साथ ही कहा था कि इस तरह के मिशन "जानबूझकर" शांति और स्थिरता में बाधा हैं. अधिकांश देशों की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका का ताइवान के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है. इसके बावजूद वह (अमेरिका) इसका सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता है. जो बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव का मुख्य कारण है.

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Last Updated : Jul 22, 2022, 12:57 PM IST

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