नई दिल्ली : चीन ने कहा है कि उसने कोविड-19 संबंधी वीजा प्रतिबंधों के कारण अपने ही देश में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके साथ ही उन हजारों छात्रों के लिए उम्मीद जगी है जो वापस आकर चीन में आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं. इस संबंध में भारत में चीनी दूतावास ने वीजा की आवेदन प्रक्रिया और सामग्री की आवश्यकता को लेकर अपडेट करते हुए कहा है कि इसे 24 अगस्त से लागू किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक चीनी वीजा के लिए आवेदक नई दिल्ली में चीनी वीजा आवेदन सेवा केंद्र की वेबसाइट https://bio.visaforchina.org/DEL2_EN/ पर लॉग इन कर सकते हैं और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना वीजा आवेदन भर सकते हैं. इसके साथ ही चीनी वीजा ऑनलाइन फॉर्म भरने की पुष्टि भी करनी होगी. वहीं आवेदकों को नई दिल्ली में चीनी वीजा आवेदन सेवा केंद्र में व्यक्तिगत रूप से अपना आवेदन जमा करना होगा और दस उंगलियों के निशान देने होंगे. नई दिल्ली में चीनी दूतावास द्वारा अद्यतन नई अधिसूचना के अनुसार तत्काल मानवीय उद्देश्य के लिए चीन को वीजा के लिए आवेदन करने की अधिसूचना का भी उल्लेख किया गया है.
बता दें कि भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग (Sun Weidong) ने कहा था कि चीन भारतीय छात्रों का स्वागत करता है. निकट भविष्य में चीन में पढ़ाई शुरू करने वाले भारतीय छात्रों का पहला बैच आएगा. दोनों देशों के संबंधित विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही कहा कि प्रक्रियाओं का पालन करते हुए लिया जाने वाला यह फैसला है. इस महीने की शुरुआत में भी, चीनी दूतावास ने बताया कि उसने यहां कोविड-19 वीजा प्रतिबंधों के कारण घर आने की वजह से फंसे भारतीय छात्रों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है और पहला बैच जल्द ही आ सकता है.
इस महीने की शुरुआत में भी, चीनी दूतावास ने बताया कि उसने यहां कोविड-19 वीजा प्रतिबंधों के कारण घर आने की वजह से फंसे भारतीय छात्रों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है और पहला बैच जल्द ही आ सकता है. वहीं दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच एलएसी पर स्थिति खराब होती दिख रही है, क्योंकि विदेश मंत्री एस जयशंकर बार-बार कह रहे हैं कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध गलवान घाटी में सीमा संघर्ष के बाद से खराब स्थिति में हैं. ऐसे में चीन जाने वाले छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में लटका हुआ है. हालांकि जब से कोविड-19 महामारी फैली थी तभी से बीजिंग ने इसके प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और भारतीय छात्रों को अपने घरों को वापस लौटना पड़ा. इस महामारी को फैले हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन चीनी अधिकारियों ने अभी तक भारतीय छात्रों के लिए अपने दरवाजे नहीं खोले हैं.
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