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Global Terrorist Sajid Mir : कौन है आतंकी साजिद मीर, जिसको लेकर भारत के खिलाफ हुआ चीन

आतंकी साजिद मीर को लेकर चीन ने फिर वही रवैया अपनाया, जिस तरह से उसने आतंकी मसूद अजहर के भाई पर अपनाया था. चीन ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित होने नहीं दिया. जवाब में भारत ने उस आतंकी का ऑडियो यूएन में चलाकर सबको उसकी हकीकत बता दी.

mumbai attack handler sajid mir
मुंबई हमले का हैंडलर साजिद मीर
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Published : Jun 21, 2023, 6:55 PM IST

नई दिल्ली : मुंबई हमले (26/11) में शामिल आतंकी साजिद मीर पर भारत और चीन आमने-सामने आ गए हैं. एक ओर चीन ने जहां साजिद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी, वहीं दूसरी ओर भारत ने साजिद मीर का एक ऑडियो संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान पूरी दुनिया को सुना दिया. अमेरिका ने साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत इसका सह-प्रस्तावक था.

चीन द्वारा इस प्रस्ताव को रोके जाने पर यूएन असेंबली में भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने आतंकी साजिद मीर का ऑडियो सबको सुनाया. वैसे, इससे पहले भारत ने आठ अक्टूबर 2022 को भी इस ऑडियो को प्ले किया था. तब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी की बैठक में इस आतंकी का ऑडियो क्लिप सबको सुनाया था. बैठक मुंबई में थी. इस ऑडियो में वह कह रहा है, 'जहां भी मूवमेंट दिखे, जहां भी लोग हों वहा फायर ठोको.'

भारतीय अधिकारी ने पूरे मामले पर यूएन में कड़ी प्रतिक्रिया दी. भारत ने कहा, 'ग्लोबल सेंक्शन रेजिम में कुछ न कुछ गंभीर खामियां जरूर हैं. अगर हम घोषित आतंकियों पर ऐसे ही ढुलमुल रवैया अपनाते रहे, तो कभी भी सफलता नहीं मिलेगी.' प्रकाश गुप्ता ने साजिद मीर का ऑडियो चलाया. इसमें साजिद मीर को सुना जा सकता है कि वह किस तरह से मुंबई हमलों के दौरान लगातार निर्देश दे रहा था. गुप्ता ने कहा कि भारतीय कानून ने साजिद मीर को बहुत पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था.

उन्होंने कहा कि 15 साल बीत गए, लेकिन हमले के जिम्मेवार आतंकियों को न्याय के कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सका. इस मामले पर दोहरा रवैया अपनाना या फिर गुड या बैड कैटेगरी में आतंकियों को डालना बहुत ही घातक है. आतंकी गतिविधि, आतंकी गतिविधि है. अगर कोई इस पर भी जस्टिफिकेशन दे, तो उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है.

यहां पर आपको बता दें कि यह वही आतंकी है, जिसको लेकर पाकिस्तान बार-बार अपना स्टैंड बदलता रहा है. कभी पाकिस्तान ने इसे मृत घोषित कर दिया था. फिर उसने कहा कि उसे 15 साल जेल की सजा सुना दी गई है. यह सब तब हुआ, जब पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा. मीडिया की खबरों के मुताबिक वह पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है. हेडली अमेरिकी जेल में बंद है.

साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है. इनाम अमेरिका ने रखा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार साजिद मीर लश्कर ए तैयबा का सदस्य है. वह 2001 से ही इस संगठन से जुड़ा हुआ है. 2011 में ही एक अमेरिकी कोर्ट ने साजिद मीर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. उस पर अमेरिका से बाहर अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का आरोप लगाया गया था.

रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्लानी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत का जवाब कमजोर था. चेल्लानी ने लिखा कि यूएन में चीन ने मुंबई हमले में शामिल आतंकी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया, फिर भी भारत जी-20 बैठक में चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग को होस्ट करने को लेकर आतुर है. यहां तक कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन का खुलकर नाम भी नहीं लिया.

वैसे, चीन ने यह पहली बार किया हो, ऐसा नहीं है. इससे पहले चीन मैलाना मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर को यूएन की आतंकियों की सूची में शामिल करने का विरोध किया था. चीन हाफिज सईद के बेटे तालहा सईद को भी इसी तरह की सूची में शामिल होने नहीं दिया था.

आखिर चीन किन नियमों के तहत ऐसा करता है- दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक समिति का नाम 1267 है. इसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य शामिल होते हैं. इसके जितने भी निर्णय होते हैं, उसे एकमत से स्वीकार किया जाता है. इसके किसी भी सदस्य ने किसी भी प्रस्ताव का विरोध किया, तो वह प्रस्ताव गिर जाता है. इसी नियम का चीन फायदा उठाता है. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ आतंकी कार्रवाई को अंजाम देते हैं. इस समिति को 1999 में बनाया गया था. औपचारिक भाषा में इस समिति को लोग अलकायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति के नाम से भी जानते हैं.

ये भी पढ़ें : बाइडेन ने शी को बताया 'तानाशाह', चीन ने बयान को कहा 'बेतुका और गैर जिम्मेदाराना'

नई दिल्ली : मुंबई हमले (26/11) में शामिल आतंकी साजिद मीर पर भारत और चीन आमने-सामने आ गए हैं. एक ओर चीन ने जहां साजिद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी, वहीं दूसरी ओर भारत ने साजिद मीर का एक ऑडियो संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान पूरी दुनिया को सुना दिया. अमेरिका ने साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत इसका सह-प्रस्तावक था.

चीन द्वारा इस प्रस्ताव को रोके जाने पर यूएन असेंबली में भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने आतंकी साजिद मीर का ऑडियो सबको सुनाया. वैसे, इससे पहले भारत ने आठ अक्टूबर 2022 को भी इस ऑडियो को प्ले किया था. तब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी की बैठक में इस आतंकी का ऑडियो क्लिप सबको सुनाया था. बैठक मुंबई में थी. इस ऑडियो में वह कह रहा है, 'जहां भी मूवमेंट दिखे, जहां भी लोग हों वहा फायर ठोको.'

भारतीय अधिकारी ने पूरे मामले पर यूएन में कड़ी प्रतिक्रिया दी. भारत ने कहा, 'ग्लोबल सेंक्शन रेजिम में कुछ न कुछ गंभीर खामियां जरूर हैं. अगर हम घोषित आतंकियों पर ऐसे ही ढुलमुल रवैया अपनाते रहे, तो कभी भी सफलता नहीं मिलेगी.' प्रकाश गुप्ता ने साजिद मीर का ऑडियो चलाया. इसमें साजिद मीर को सुना जा सकता है कि वह किस तरह से मुंबई हमलों के दौरान लगातार निर्देश दे रहा था. गुप्ता ने कहा कि भारतीय कानून ने साजिद मीर को बहुत पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था.

उन्होंने कहा कि 15 साल बीत गए, लेकिन हमले के जिम्मेवार आतंकियों को न्याय के कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सका. इस मामले पर दोहरा रवैया अपनाना या फिर गुड या बैड कैटेगरी में आतंकियों को डालना बहुत ही घातक है. आतंकी गतिविधि, आतंकी गतिविधि है. अगर कोई इस पर भी जस्टिफिकेशन दे, तो उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है.

यहां पर आपको बता दें कि यह वही आतंकी है, जिसको लेकर पाकिस्तान बार-बार अपना स्टैंड बदलता रहा है. कभी पाकिस्तान ने इसे मृत घोषित कर दिया था. फिर उसने कहा कि उसे 15 साल जेल की सजा सुना दी गई है. यह सब तब हुआ, जब पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा. मीडिया की खबरों के मुताबिक वह पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है. हेडली अमेरिकी जेल में बंद है.

साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है. इनाम अमेरिका ने रखा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार साजिद मीर लश्कर ए तैयबा का सदस्य है. वह 2001 से ही इस संगठन से जुड़ा हुआ है. 2011 में ही एक अमेरिकी कोर्ट ने साजिद मीर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. उस पर अमेरिका से बाहर अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का आरोप लगाया गया था.

रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्लानी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत का जवाब कमजोर था. चेल्लानी ने लिखा कि यूएन में चीन ने मुंबई हमले में शामिल आतंकी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया, फिर भी भारत जी-20 बैठक में चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग को होस्ट करने को लेकर आतुर है. यहां तक कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन का खुलकर नाम भी नहीं लिया.

वैसे, चीन ने यह पहली बार किया हो, ऐसा नहीं है. इससे पहले चीन मैलाना मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर को यूएन की आतंकियों की सूची में शामिल करने का विरोध किया था. चीन हाफिज सईद के बेटे तालहा सईद को भी इसी तरह की सूची में शामिल होने नहीं दिया था.

आखिर चीन किन नियमों के तहत ऐसा करता है- दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक समिति का नाम 1267 है. इसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य शामिल होते हैं. इसके जितने भी निर्णय होते हैं, उसे एकमत से स्वीकार किया जाता है. इसके किसी भी सदस्य ने किसी भी प्रस्ताव का विरोध किया, तो वह प्रस्ताव गिर जाता है. इसी नियम का चीन फायदा उठाता है. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ आतंकी कार्रवाई को अंजाम देते हैं. इस समिति को 1999 में बनाया गया था. औपचारिक भाषा में इस समिति को लोग अलकायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति के नाम से भी जानते हैं.

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