नई दिल्ली : जी-20 के सफल आयोजन से पूरी दुनिया भारत की कायल हो गई. चीन देखता रह गया और भारत ने उपलब्धियों की झड़ी लगा दी. ऐसे में चीन के सामने असमंजस की स्थिति बन गई. पहले तो उसके मुख्य अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के आयोजन को लेकर ठंडी प्रतिक्रिया दी, फिर बताया कि वे भी उनसे सहमत हैं और अब अचानक ही यू टर्न लेकर भारत की तारीफ करने लगा है. इसके पीछे चीन की क्या मंशा है और इसके जरिए क्या संदेश देना चाहता है, इसे समझने की जरूरत है.
सोमवार को चीन ने कहा कि जी-20 दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन से पूरी दुनिया को पॉजिटिव संदेश गया है. चीन के अनुसार जी20 ने यह दिखा दिया है कि वह वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किसी पर निर्भर नहीं है और वह नई उपलब्धि हासिल कर सकता है, जिसमें चीन की बड़ी भूमिका है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि नई दिल्ली डिक्लेरेशन में चीन की अहम भूमिका है, जिसमें हमने डेवलपिंग देशों को विशेष महत्व दिया है. अफ्रीकी संघ को शामिल किया जाना उसकी का नतीजा है.
चीन ने कहा कि हमने हमेशा से जी20 को विशेष महत्व दिया है, क्योंकि हम जानते हैं कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हम सब मिलकर काम कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ली कियांग की उपस्थिति बताती है कि हम अनुकूल साझेदारी को बढ़ावा दे रहे हैं. आगे चीन ने कहा कि पीएम कियांग की उपस्थिति यह दर्शाती है कि हम टकराव नहीं सहयोग और समावेशी नीति अपनाते रहे हैं.
जी20 के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी के लगभग 85 प्रतिशत का, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक का और विश्व की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें शामिल देश हैं - भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेटीना, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, इटली, कोरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, द. अफ्रीका, तुर्की, यूरोपीय संघ.
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