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चीन गैरकानूनी कब्जे वाले इलाके में पैंगोंग झील पर पुल बना रहा: सरकार ने संसद में कहा

सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा जिस इलाके में एक पुल का निर्माण किया जा रहा है, वह 1962 से बीजिंग के गैरकानूनी कब्जे में है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Minister of State for External Affairs V Muraleedharan ) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

China is building a bridge over Pangong Lake in illegally occupied territory says Government in Parliament
चीन गैरकानूनी कब्जे वाले इलाके में पैंगोंग झील पर पुल बना रहा: सरकार ने संसद में कहा
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Published : Feb 5, 2022, 12:23 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा जिस इलाके में एक पुल का निर्माण किया जा रहा है, वह 1962 से बीजिंग के गैरकानूनी कब्जे में है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Minister of State for External Affairs V Muraleedharan ) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को लेकर चीन के साथ बातचीत तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है. पहला यह कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरी तरह सम्मान करेंगे. दूसरा यह कि कोई भी पक्ष यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं करेगा और तीसरा सिद्धांत यह कि दोनों पक्ष सभी समझौतों का पूर्णत: पालन करेंगे.

ये भी पढ़ें- 'समर्थकों ने जितनी बार मोदी-मोदी कहा, अगर राम का नाम लेते तो वे खुद उतर आते'

वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सेना के तीनों अंगों में 9,920 अधिकारियों की कमी है. मंत्री के अनुसार, सबसे अधिक 7,791 की कमी थल सेना में है. वायुसेना में 1,557 और नौसेना में 572 अधिकारियों की कमी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा जिस इलाके में एक पुल का निर्माण किया जा रहा है, वह 1962 से बीजिंग के गैरकानूनी कब्जे में है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Minister of State for External Affairs V Muraleedharan ) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को लेकर चीन के साथ बातचीत तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है. पहला यह कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरी तरह सम्मान करेंगे. दूसरा यह कि कोई भी पक्ष यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं करेगा और तीसरा सिद्धांत यह कि दोनों पक्ष सभी समझौतों का पूर्णत: पालन करेंगे.

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वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सेना के तीनों अंगों में 9,920 अधिकारियों की कमी है. मंत्री के अनुसार, सबसे अधिक 7,791 की कमी थल सेना में है. वायुसेना में 1,557 और नौसेना में 572 अधिकारियों की कमी है.

(पीटीआई-भाषा)

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