बेंगलुरू : कर्नाटक सरकार 20 महीने के लंबे अंतराल के बाद 25 अक्टूबर को कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि यह अलग बात है कि माता-पिता को बच्चों में संक्रमण का डर बना हुआ है.
बेंगलुरु के निवासी एक अभिभावक ने कहा कि हम बच्चों को स्कूलों में वापस कैसे भेज सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस की चिंता पूरी तरह से दूर नहीं हुई है. हमारे बच्चे आईएएस या केएएस परीक्षा लिखने नहीं जा रहे हैं.
स्कूल नहीं खुल रहे हैं क्योंकि शिक्षा क्षेत्र कोविड-19 से प्रभावित है लेकिन यह निजी स्कूलों के पास कारण है. फीस लेने के लिए निजी स्कूलों की लॉबिंग है. नया शैक्षणिक वर्ष शुरू होने में सिर्फ 4 महीने बाकी हैं. इससे पहले बच्चों को कोविड का टीका लग सकता है. हम अपने बच्चों को टीकाकरण के बाद ही भेजेंगे.
टीकाकरण पहले होना चाहिए
एक अन्य माता-पिता कहते हैं कि वयस्क लोगों को कार्यालय जाने के लिए टीका लगाया जाता है. बच्चों को भी स्कूलों में जाने के लिए टीकाकरण की आवश्यकता है. मैं ऑनलाइन कक्षाओं को ही ठीक मानता हूं. जब हमें लगेगा कि मेरे बच्चे के लिए स्कूल सुरक्षित है, तो निश्चित रूप से बच्चों को स्कूलों में भेजा जाएगा.
शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
शिक्षा मंत्री ने कहा कि न केवल प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के माता-पिता बल्कि हाई स्कूल के छात्रों के माता-पिता भी अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने से कतरा रहे हैं. इसके पीछे का कारण है कि कई छात्र स्कूल खुलने के बाद कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री नागेश ने कहा कि बच्चे स्कूलों से नहीं बल्कि परिवार से संक्रमित होते हैं. हमने उन बच्चों के इतिहास का निरीक्षण किया जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. यह पता चला कि उनमें से अधिकांश अपने परिवार से ही संक्रमित हैं.
मंत्री ने कहा कि कर्नाटक राज्य में दिन-ब-दिन सबसे कम कोविड मामले देखे जा रहे हैं. कई जिले पिछले कुछ दिनों से शून्य सकारात्मकता दर की रिपोर्ट कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और तकनीकी सलाहकार समिति के साथ बैठक के बाद हम सभी एहतियाती उपायों के साथ प्राथमिक स्कूलों को फिर से खोलने के लिए प्रतिबद्ध हैं.