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आखा तीज पर राजस्थान में होते हैं सर्वाधिक बाल विवाह, तीन साल में 1216 मामले सामने आए

अक्षय तृतीया पर राजस्थान में सर्वाधिक बाल विवाह के मामले (Child marriage in Rajasthan) सामने आते हैं. भरतपुर में भी ये आंकड़े तेजी से बढ़ (Child marriage on Akshaya Tritiya in Bharatpur) रहे हैं. बीते तीन सालों की बात करें तो अक्षय तृतीया पर 1216 मामले सामने आए हैं. ऐसे में मंगलवार को अक्षय तृतीया पर कोई बाल विवाह न हो इसके लिए प्रशासन की ओर से सख्ती के निर्देश दिए गए हैं.

Child marriage in Rajasthan
अक्षय तृतीया पर राजस्थान में सर्वाधिक बाल विवाह के मामले
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Published : May 2, 2022, 5:53 PM IST

Updated : May 2, 2022, 7:22 PM IST

भरतपुर. राजस्थान में अबूझ सावा आखा तीज पर हजारों की संख्या में विवाह होते हैं. शुभ मुहुर्त होने के चलते इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग परिणय सूत्र में बंधते हैं. ऐसे में काफी संख्या में बाल विवाह भी कराए जाते हैं. भरतपुर में भी इस दिन बाल विवाह कराने वालों की संख्या कम (Child marriage on Akshaya Tritiya in Bharatpur) नहीं रहती. हालांकि सरकार, प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ता बाल विवाह के प्रति लोगों को समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं.

बावजूद इसके जागरूकता के अभाव और अशिक्षा के चलते ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग अपने बच्चों को बाल विवाह के दलदल में धकेल दे रहे हैं. बीते 3 वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे राजस्थान में कुल 1216 बाल विवाह (1216 child marriage in three years in Bharatpur) के मामले सामने आए हैं. कल आखातीज है और हजारों की संख्या में विवाह होंगे. ऐसे में प्रशासन का प्रयास होगा किसी भी हाल में बाल विवाह का मामला सामने न आए.

बाल विवाह में भीलवाड़ा अव्वल
बाल अधिकारिता विभाग के बीते 3 साल (2018 से 2021) के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में सर्वाधिक बाल विवाह भीलवाड़ा जिले में सामने आए. भीलवाड़ा में वर्ष 2018-19 में 53, 2019-20 में 60 और 2020-21 में 21 बाल विवाह के मामले सामने आए. वहीं बाल विवाह के सबसे कम मामलों की बात करें तो तीन साल में जैसलमेर में 1, सिरोही में 3 और बारां में 5 बाल विवाह हुए. भरतपुर में वर्ष 2018-19 में 6, 2019-20 में 22 और 2020-21 में एक भी बाल विवाह का मामला प्रकाश में नहीं आया. ऐसे पूरे प्रदेश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान कुल 1216 बाल विवाह के प्रकरण दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें. prevention of child marriage: अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के रोकथाम के लिए प्रशासन सजग, कलक्टर ने की अपील

सरपंच, तहसीलदार व पुलिस पाबंद
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि जिले में बाल विवाह रोकने और नजर रखने के लिए 2 दिन पहले ही बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के सभी सरपंच, तहसीलदार और पुलिस थाना को पूरी निगरानी रखने के लिए पाबंद कर दिया है. यदि कहीं पर कोई बाल विवाह की जानकारी सामने आती है तो कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के 1098 नंबर पर कॉल कर मदद प्राप्त कर सकता है.

कहां कितने बाल विवाह (वर्ष 2018 से 2021 तक)

जिला बाल विवाह
भीलवाड़ा 134
जयपुर 90
दौसा 72
बूंदी 67
अलवर 65
जोधपुर 64
उदयपुर64
झालावाड़ 60
सीकर 49
पाली 44
टोंक 41
राजसमंद 35
करौली 32
भरतपुर28
अजमेर 27
सवाई माधोपुर 27
नागौर 26
श्री गंगानगर 26
बांसवाड़ा 24
प्रतापगढ़ 6

भरतपुर. राजस्थान में अबूझ सावा आखा तीज पर हजारों की संख्या में विवाह होते हैं. शुभ मुहुर्त होने के चलते इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग परिणय सूत्र में बंधते हैं. ऐसे में काफी संख्या में बाल विवाह भी कराए जाते हैं. भरतपुर में भी इस दिन बाल विवाह कराने वालों की संख्या कम (Child marriage on Akshaya Tritiya in Bharatpur) नहीं रहती. हालांकि सरकार, प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ता बाल विवाह के प्रति लोगों को समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं.

बावजूद इसके जागरूकता के अभाव और अशिक्षा के चलते ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग अपने बच्चों को बाल विवाह के दलदल में धकेल दे रहे हैं. बीते 3 वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे राजस्थान में कुल 1216 बाल विवाह (1216 child marriage in three years in Bharatpur) के मामले सामने आए हैं. कल आखातीज है और हजारों की संख्या में विवाह होंगे. ऐसे में प्रशासन का प्रयास होगा किसी भी हाल में बाल विवाह का मामला सामने न आए.

बाल विवाह में भीलवाड़ा अव्वल
बाल अधिकारिता विभाग के बीते 3 साल (2018 से 2021) के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में सर्वाधिक बाल विवाह भीलवाड़ा जिले में सामने आए. भीलवाड़ा में वर्ष 2018-19 में 53, 2019-20 में 60 और 2020-21 में 21 बाल विवाह के मामले सामने आए. वहीं बाल विवाह के सबसे कम मामलों की बात करें तो तीन साल में जैसलमेर में 1, सिरोही में 3 और बारां में 5 बाल विवाह हुए. भरतपुर में वर्ष 2018-19 में 6, 2019-20 में 22 और 2020-21 में एक भी बाल विवाह का मामला प्रकाश में नहीं आया. ऐसे पूरे प्रदेश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान कुल 1216 बाल विवाह के प्रकरण दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें. prevention of child marriage: अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के रोकथाम के लिए प्रशासन सजग, कलक्टर ने की अपील

सरपंच, तहसीलदार व पुलिस पाबंद
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि जिले में बाल विवाह रोकने और नजर रखने के लिए 2 दिन पहले ही बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के सभी सरपंच, तहसीलदार और पुलिस थाना को पूरी निगरानी रखने के लिए पाबंद कर दिया है. यदि कहीं पर कोई बाल विवाह की जानकारी सामने आती है तो कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के 1098 नंबर पर कॉल कर मदद प्राप्त कर सकता है.

कहां कितने बाल विवाह (वर्ष 2018 से 2021 तक)

जिला बाल विवाह
भीलवाड़ा 134
जयपुर 90
दौसा 72
बूंदी 67
अलवर 65
जोधपुर 64
उदयपुर64
झालावाड़ 60
सीकर 49
पाली 44
टोंक 41
राजसमंद 35
करौली 32
भरतपुर28
अजमेर 27
सवाई माधोपुर 27
नागौर 26
श्री गंगानगर 26
बांसवाड़ा 24
प्रतापगढ़ 6
Last Updated : May 2, 2022, 7:22 PM IST
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