मोरबी: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में प्रशासन ने पहली बड़ी कार्रवाई की है. जानकारी के अनुसार नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया गया है. हादसे के बाद किसी सरकारी अफसर के खिलाफ यह पहला बड़ा कदम है. बता दें कि रविवार की शाम मोरबी में केबल पुल दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
गुजरात सरकार ने मोरबी शहर में पुल गिरने की घटना के मद्देनजर मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि मच्छु नदी के ऊपर ब्रिटिश कालीन इस पुल के रविवार को गिरने की घटना में अभी तक 135 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. हादसे में मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
मोरबी के जिला अधिकारी जी. टी. पंड्या ने कहा, 'राज्य शहरी विकास विभाग ने मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया है.' उन्होंने बताया कि मोरबी के रेजिडेंट अपर कलेक्टर को अगले आदेश तक मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अधिकारियों ने बताया कि मोरबी नगर पालिका ने 15 साल के लिए ओरेवा समूह को पुल की मरम्मत और रखरखाव का ठेका दिया था. पुल गिरने की घटना के सिलसिले में पुलिस अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
केबल पुल हादसे के सिलसिले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार नौ लोगों में से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को पुलिस हिरासत में जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने पुल की मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा ग्रुप के दो प्रबंधकों और दो सब-कांट्रैक्टर को शनिवार, 5 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
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अभियोजक एचएस पांचाल ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुक करने वाले क्लर्क सहित गिरफ्तार पांच लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत नहीं मांगी थी. गिरफ्तार किये गये सभी आरोपी पुल का संचालन करने वाली कंपनी ओरेवा (Oreva) के हैं. ब्रिज का संचालन ओरेवा (Oreva) नामक प्राइवेट कंपनी कर रही थी, जिनको मंजूरी मोरबी नगर पालिका ने दी थी.
(एक्सट्रा इनपुट भाषा)