मुंबई : नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक प्रस्तुति के दौरान कहा कि मानसून के मौसम में बाढ़ के पानी के कारण तटीय सड़क के काम में बाधा न आए, इसलिए एक प्रणाली स्थापित की गई है.
मुंबई के प्रियदर्शिनी पार्क, चौपाटी, वर्ली सी फेस में कुल 77 आउटफॉल हैं. उनमें से 43 समुद्र तट के समानांतर हैं. सभी नालों की ठीक से सफाई कराई गई है. अमरसंस इंटरचेंज, हाजी अली इंटरचेंज और चौपाटी में पर्याप्त क्षमता के पंप लगाए गए हैं. कोस्टल रोड के किनारे 15 जगहों पर ऐसे 63 पंप हैं. बताया गया कि मानसून शुरू हो गया है और समय पर पानी निकासी की जाएगी.
विशेषज्ञों के अनुसार तटीय सड़क से यात्रा के समय में 70 प्रतिशत तक की बचत होने की उम्मीद है. कोस्टल रोड पर तीन चरणों में काम चल रहा है. पहला चरण नरीमन पॉइंट से वर्ली सी-लिंक, दूसरा चरण वर्ली से बांद्रा सी-लिंक और तीसरा चरण बांद्रा सी-लिंक से बोरीवली तक होगा. कोरोना की स्थिति के कारण कोस्टल रोड पर काम कुछ देर के लिए रुका हुआ था.
हालांकि मुख्यमंत्री ने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों ने बैठक में कहा कि तटीय सड़क का पहला चरण 2023 में पूरा होने की उम्मीद है. 10.58 किलोमीटर का समुद्री मार्ग 36 प्रतिशत पूर्ण है और इस पर कुल 12,721 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें ट्रिपल रूट की दो-दो बड़ी टनल बनाई जा रही हैं. 15.66 किमी इंटरचेंज रूट भी होंगे. अभी तक सुरंग की खुदाई का काम 9 फीसदी, रिक्लेमेशन का 90 फीसदी और समुद्र की दीवार का 68 फीसदी है.
हिंदमाता व गांधी मार्केट के निचले इलाकों में पानी जमा होने की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा रहा है. इन दोनों जगहों पर बड़े भूमिगत जल भंडारण टैंकों का निर्माण किया जा रहा है. यह भी बताया गया कि इस कार्य से हिंदमाता क्षेत्र को अगले साल से काफी राहत मिलेगी.
अतिरिक्त नगर आयुक्त (परियोजना) पी.एस. वेलारासु ने कहा कि 9 जून को मुंबई में 20 जगहों पर 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. 11 स्थानों पर 150 मिमी से 200 मिमी, 13 स्थानों पर 100 मिमी से 150 मिमी और 3 स्थानों पर 100 मिमी से कम बारिश हुई. मुंबई में 386 बाढ़ जल भंडारण स्थल हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गए हैं कि 171 स्थल तुरंत पानी या नाली का भंडारण न करें. 24 वार्डों में 6 मीटर से कम व्यास वाले नालों की शत-प्रतिशत सफाई कर दी गई है.
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नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बताया कि ड्रेनेज से कीचड़ निकालने और मुंबई के बाहर उसके निपटान की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम द्वारा नियंत्रित होती है. प्रत्येक वाहन के चक्कर, कीचड़ और वजन को तस्वीरों के साथ रिकॉर्ड किया जाता है.