मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. इसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सुबह-सुबह मुंबई के कुछ हिस्सों का निरीक्षण किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नगर पालिका को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि चौदह साल के प्रयोग के बाद मुंबई में कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बीएमसी एक बार फिर वायु प्रदूषकों से निपटने की कोशिश करेगी. एकनाथ शिंदे ने मुंबई में साफ-सुथरी सड़कों के लिए 1,000 टैंकर किराए पर लेने का आदेश दिया. मुंबई में सड़क निर्माण के कई काम चल रहे हैं, जिसके चलते शहर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में शहरी वन बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने मुंबई के जॉगर्स पार्क में पेड़ लगाने की भी बात कही.
इसके समाधान के तौर पर नगर पालिका ने क्लाउड सीडिंग के जरिए प्रदूषण से निपटने की योजना बनाई है. नगर निगम प्रशासन ने ईटीवी भारत को बताया है कि कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया 15 दिसंबर से शुरू होगी. कुछ समय पहले दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का आयोजन किया गया था. इससे पहले महाराष्ट्र और मुंबई में कृत्रिम बारिश कराई जा चुकी है. मुंबई में कृत्रिम बारिश कब होगी और इसकी लागत कितनी होगी, इसकी जानकारी प्रशासन ने दे दी है.
बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए. मुंबई नगर निगम 15 दिसंबर को मुंबई और आसपास के इलाकों में कृत्रिम बारिश कराएगा. मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने कहा कि इस संबंध में निविदा अगले सप्ताह निकाली जाएगी. अगले 15 से 20 दिनों में क्लाउड सीडिंग की पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. अतिरिक्त आयुक्त शिंदे ने जानकारी दी है कि 15 दिसंबर के बाद मुंबई में कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
हालांकि कृत्रिम वर्षा होने में निश्चित रूप से कुछ समय लगेगा, लेकिन दिसंबर में अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा होने की उम्मीद है. इससे मुंबई में प्रदूषण कम करने और शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी. सुधाकर शिंदे ने कहा कि दुबई में अक्सर कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए हम इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और इसे कम समय में पूरा करने के लिए उनके संपर्क में हैं.
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त शिंदे ने कहा कि कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया आवश्यक वातावरण, समय, स्थान, मौसम और बादलों को देखकर ही की जाएगी. अगर मुंबई में क्लाउड सीडिंग एक्सपेरिमेंट सफल रहा तो अगले पंद्रह दिनों तक मुंबई के लोगों को प्रदूषण की समस्या से राहत मिल जाएगी. इस प्रयोग पर एक बार में 40 से 50 लाख रुपये का खर्च आता है. शिंदे ने आगे कहा कि दुबई में कृत्रिम बारिश के प्रयोग नियमित रूप से किए जाते हैं.