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जब अपनी बेटियों के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ अपनी दो पालक बेटियों के साथ अदालत पहुंचे. अपनी बेटियों माही (16) और प्रियंका (20) को दिखाया कि जज कहां बैठते हैं और वकील कहां से बहस करते हैं.

DY Chandrachud daughters
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़
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Published : Jan 6, 2023, 4:54 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और वकील आज सुबह उस समय हैरान रह गए जब मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ अपनी दो पालक बेटियों के साथ अदालत पहुंचे और उन्हें अदालत कक्ष और अपने कक्ष का दौरा दिया. सुबह 10 बजे कोर्ट परिसर पहुंचने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ सार्वजनिक दीर्घा से अपनी दिव्यांग बेटियों के साथ कोर्ट रूम में दाखिल हुए. इसके बाद वह दोनों को कमरा नंबर 1 में CJI कोर्ट ले गए और दिखाया कि कोर्ट कैसे काम करता है. प्रधान न्यायाधीश ने अपनी बेटियों माही (16) और प्रियंका (20) को दिखाया कि जज कहां बैठते हैं और वकील कहां से बहस करते हैं.

पढ़ें: एमसीडी में हंगामाः सदन की कार्यवाही स्थगित, मेयर का चुनाव अगले आदेश तक टला

अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाद में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अपनी बेटियों को अपने कार्यालय का भ्रमण कराने के लिए अपने कक्ष में ले गए. सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपनी बेटियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट देखने की इच्छा जताने के बाद उन्हें कोर्ट ले जाने का फैसला किया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को पद संभाला था और दो साल तक इस पद पर रहेंगे.

बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ अयोध्या भूमि विवाद, समलैंगिकता के अपराधीकरण, व्यभिचार, गोपनीयता, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश आदि पर ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की है. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए पास किया और कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की.

पढ़ें: कंझावला केस में कार मालिक गिरफ्तार, अंकुश अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर

उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया. उन्हें पहली बार 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 31 अक्टूबर, 2013 से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है. उनकी पदोन्नति 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हुई थी. जस्टिस चंद्रचूड़ मुंबई विश्वविद्यालय और ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, यूएसए में तुलनात्मक संवैधानिक कानून के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं.

जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत केंद्र निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले उत्तराधिकारी का नाम बताने को कहता है. कानून मंत्री रिजिजू ने 7 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश ललित को अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिश करने के लिए एक पत्र भेजा था.

पढ़ें: 44 न्यायाधीशों के नामों की तीन दिनों के भीतर की जाएगी पुष्टि : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और वकील आज सुबह उस समय हैरान रह गए जब मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ अपनी दो पालक बेटियों के साथ अदालत पहुंचे और उन्हें अदालत कक्ष और अपने कक्ष का दौरा दिया. सुबह 10 बजे कोर्ट परिसर पहुंचने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ सार्वजनिक दीर्घा से अपनी दिव्यांग बेटियों के साथ कोर्ट रूम में दाखिल हुए. इसके बाद वह दोनों को कमरा नंबर 1 में CJI कोर्ट ले गए और दिखाया कि कोर्ट कैसे काम करता है. प्रधान न्यायाधीश ने अपनी बेटियों माही (16) और प्रियंका (20) को दिखाया कि जज कहां बैठते हैं और वकील कहां से बहस करते हैं.

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अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाद में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अपनी बेटियों को अपने कार्यालय का भ्रमण कराने के लिए अपने कक्ष में ले गए. सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपनी बेटियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट देखने की इच्छा जताने के बाद उन्हें कोर्ट ले जाने का फैसला किया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को पद संभाला था और दो साल तक इस पद पर रहेंगे.

बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ अयोध्या भूमि विवाद, समलैंगिकता के अपराधीकरण, व्यभिचार, गोपनीयता, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश आदि पर ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की है. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए पास किया और कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की.

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उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया. उन्हें पहली बार 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 31 अक्टूबर, 2013 से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है. उनकी पदोन्नति 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हुई थी. जस्टिस चंद्रचूड़ मुंबई विश्वविद्यालय और ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, यूएसए में तुलनात्मक संवैधानिक कानून के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं.

जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत केंद्र निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले उत्तराधिकारी का नाम बताने को कहता है. कानून मंत्री रिजिजू ने 7 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश ललित को अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिश करने के लिए एक पत्र भेजा था.

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