नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने तेलंगाना की कक्षा 8 की लड़की द्वारा भेजे गए एक पत्र पर कार्रवाई की. जिसके परिणामस्वरूप राज्य के एक गांव में बस सेवाओं की बहाल हुई. बता दें, तेलंगाना में आठवीं कक्षा की छात्रा पी वैष्णवी ने सीजेआई रमना को एक पत्र लिखा, जिसमें कोविड महामारी के बाद रंगारेड्डी जिले में उनके गांव के लिए बस सेवाओं के बंद होने के बारे में बताया गया.
इसके परिणामस्वरूप वह और उनके भाई-बहन, प्रीति और प्रणीत को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से बस सेवाओं को बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. पत्र में उसने लिखा कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान उसके पिता का कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था और उसकी मां अल्प आय अर्जित कर रही है इसलिए, किराया देकर ऑटो-रिक्शा करके स्कूल जाना असंभव है.
वैष्णवी ने सीजेआई को पत्र लिखा
सीजेआई एनवी रमना ने पत्र का संज्ञान में लेते हुए इस मुद्दे पर तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम का ध्यान आकर्षित किया. सीजेआई ने निगम से कहा कि बच्चों के शिक्षा के अधिकार का सम्मान करने के लिए बस सेवाओं को बहाल करना होगा. टीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक वीसी सज्जनार ने ट्वीट किया कि सीजेआई के हस्तक्षेप के बाद बस सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, उन्होंने इस मुद्दे के बारे में निगम को सचेत करने के लिए सीजेआई को धन्यवाद दिया.
सज्जनार ने ट्वीट में कहा
सज्जनार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि टीएसआरटीसी प्रबंधन भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई रमाना सर को धन्यवाद देता है कि उन्होंने आरटीई के सम्मान में छात्रों को स्कूल समय पर स्कूल भेजने के लिए बसों को बहाल करने के लिए हमें सचेत किया.
बता दें, यह पहली बार नहीं है जब सीजेआई किसी स्कूली छात्र के पत्र का जवाब दे रहे हैं. जून में केरल की एक 5वीं कक्षा की स्कूल की छात्रा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय को कोविड स्थिति से निपटने के लिए पारित आदेशों के लिए धन्यवाद दिया था. सीजेआई ने देश के प्रमुख घटनाक्रमों पर नज़र रखने के लिए उसकी सराहना करते हुए स्कूल की छात्रा को जवाब भेजा.
सीजेआई ने कहा
मेरी प्यारी लिडविना, मुझे आपका पत्र मिला है और साथ ही काम पर जज के दिल को छू लेने वाला चित्रण भी मिला है. जिस तरह से आपने देश में हो रही घटनाओं पर नज़र रखी और महामारी के मद्देनजर लोगों की भलाई के लिए आपने जो चिंता दिखाई है, उससे मैं वास्तव में प्रभावित हूं. मुझे विश्वास है कि आप बड़े होकर एक सतर्क, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित होंगी जो राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान देगा. आपकी सर्वांगीण सफलता के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद.
मुख्य न्यायाधीश रमना ने उसे संविधान की एक हस्ताक्षरित प्रति भी भेजी.