रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल में विपक्ष की ओर से संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाया. कर्मचारियों को नियमित करने में विफल रहने के लिए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने सरकार की आलोचना की. उन्होंने दावा किया कि हड़ताल के कारण आधिकारिक काम ठप हो गया है लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. इस पर पक्ष और विपक्ष में जमकर हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष ने बघेल सरकार पर दागे कई सवाल: बृजमोहन अग्रवाल ने शून्यकाल में कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन आंदोलन का मामला उठाया. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा 145 संगठनों के बैनर तले 4 लाख से अधिक संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पिछले 15 दिनों से हड़ताल पर हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के वादे के अनुसार अपनी सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे हजारों कर्मचारी नया रायपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शासन की ओर से कोई बात नहीं की जा रही है. इससे पूरे प्रदेश की जनता के काम रुके हुए हैं. भाजपा सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस लाकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, जिसे सभापति ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विपक्षी सदस्यों को दिन में भाजपा द्वारा पेश किए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पर्याप्त समय मिलेगा. इससे असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के कारण सभापति को कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
इन नेताओं ने भी दागे सवाल: इसके अलावा अजय चंद्राकर ने भी बघेल सरकार पर कई सवाल दागे. उन्होंने कहा "कल सदन केवल घोषणा के लिए बुलाया गया था." वहीं, शिवरतन ने आरोप लगाया कि प्रदेश की व्यवस्था चरमरा गई है. इसके अलावा कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा, "145 संगठन के लोग आंदोलन में है, इनके साथ वादाखिलाफी की गई है." वहीं, नारायण चंदेल ने कहा कि आज सभी कर्मचारी पूछ रहे हैं "क्या हुआ तेरा वादा".
अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हो पाई चर्चा, कल का मिला समय: भाजपा सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव लाने की चर्चा की. रंजना साहू, रजनीश सिंह, पुन्नूलाल मोहले, सौरभ सिंह ने भी स्थगन प्रस्ताव लाने की पर चर्चा की. हालांकि स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा उपाध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया. भाजपा विधायक ने इसे लेकर सदन में नारेबाजी की. इसके बाद सदन को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, जो नहीं हो पाई. विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने बीजेपी का आरोपपत्र देर से मिलने का हवाला दिया. सभापति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 21 जुलाई का समय दिया है.
संविदाकर्मियों के लिए सीएम बघेल ने की ये घोषणा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में दैनिक वेतनभोगी और संविदाकर्मियों के लिए कई घोषणाएं कीं. इनमें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 37,000 संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि करने के साथ ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन में 4,000 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की बात शामिल है.