जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जांजगीर चांपा के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने शुक्रवार शाम से जद्दोजहद चल रही है. रविवार को रोबोटिक रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण असफल होने के बाद टनल बनाने का काम शुरू किया गया. बिलासपुर से मंगाई गई ड्रिलिंग मशीन पत्थर और चट्टान को काट कर सुरंग का रास्ता तैयार कर रही है. चट्टान के मलबे को बाहर निकाला जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है. जिससे जल्द राहुल के रेस्क्यू की उम्मीद जताई जा रही है. इस बीच बच्चे का अंडर वॉटर कैमरा से ली गई क्लियर तस्वीर भी सामने आई है. जिसमें बच्चा केला छीलकर खाते हुए दिख रहा है. बच्चे के शरीर का अधिकांश भाग पानी के अंदर है. (Chhattisgarh massive rescue operation )
सोमवार को सुबह से जारी है रेस्क्यू: राहुल तक पहुंचने के लिए सभी तरह की तैयारियों और व्यस्थाओं के साथ लगभग 20 फीट होरिजेंटल खुदाई की जा रही है. लेकिन इस बीच एक बड़ी चट्टान की वजह से सुरंग बनाने में परेशानी आ रही थी. इस चट्टान को काटने बिलासपुर से ड्रिल मशीन मंगाई गई. इसी मशीन से चट्टान को काटकर राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाया जा रहा है.
पिछले 71 घंटे से राहुल 50 फीट गहरे गड्ढे में फंसा हुआ है. सीएम भूपेश बघेल के निर्देशन में कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल सहित सेना के अफसर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरी टीम छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े रेस्क्यू में मौजूद हैं. इस सबसे बड़े ऑपरेशन में हिस्सा बनने वालों को हर पल अलर्ट रहने कहा गया है. ऑपरेशन में किसी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही नहीं करने के सख्त निर्देश है. (Chhattisgarh massive rescue operation )
ऑपरेशन राहुल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नजर: सीएम ने देर रात ट्वीट कर सभी का हौसला बढ़ाया. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि "आपके चट्टानी इरादे चट्टानों को तोड़ रहे हैं, खराब मौसम का रुख मोड़ रहे हैं, मुझे विश्वास है कि आपके अथक प्रयास और समर्पित सेवाभाव से राहुल जल्द सकुशल हमारे बीच होगा". इसके साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने कलेक्टर जांजगीर-चांपा को भी निर्देश किया है कि आपातकालीन चिकित्सा की पूर्ण तैयारी रखी जाए. साथ ही कलेक्टर बिलासपुर को भी सिम्स, अपोलो हॉस्पिटल में तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं. (Janjgir Champa Borewell Rescue )
रविवार को क्या हुआ: रोबोटिक रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण असफल होने के बाद टनल बनाने का काम चालू किया गया. सुरंग बनाने के लिए कुसमुंडा और मनेन्द्रगढ़ के एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की गई. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला सहित सभी अधिकारियों ने निरीक्षण किया. टोटल स्टेशन से ली गई गहराई के नाप के अनुसार अभी 61.5 फीट है. जबकि बच्चा 9 मीटर दूर था.
भूपेश बघेल ने परिजनों की दो हिम्मत: रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉल के जरिए दोबारा राहुल के परिजनों से बात कर उन्हें हिम्मत बंधाई थी. साथ ही कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला से पूरे ऑपरेशन की जानकारी ली थी. मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने बताया कि पूरी टीम राहुल को निकालने में लगी हुई है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी कलेक्टर से फोन कर राहुल के बारे में जानकारी ली. (child falls into borewell in chhattisgarh)
Janjgir Champa Borewell Rescue: जिंदगी 9 मीटर दूर लेकिन लग सकता है समय
शुक्रवार दोपहर को बोरवेल में गिर गया था राहुल: पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय राहुल शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. तब से उसे बचाने की कोशिश जारी है. प्रशासन, सेना और NDRF की टीम 3 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. गुजरात से आए बोरवेल्स रोबोटिक एक्सपर्ट भी पिहरिद में रोबोटिक इक्यूपमेंट को बोर के अंदर डालने का मुआयना कर रहे हैं. (janjgir champa borewell accident )
60 फीट से ज्यादा हो चुकी खुदाई
इससे पहले NDRF ने बोरवेल के ठीक बगल में 60 फीट से ज्यादा की खुदाई की. अब 5 फीट की खुदाई के बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाना था. हालांकि इस खुदाई में एक चट्टान बड़ी बाधा बन गई है. इसके कारण टनल बनाने में देरी हो रही थी. मौके पर मौजूद मशीनरी पूरी नहीं पड़ रही थी. इसे देखते हुए बड़े रॉक ब्रेकर मंगाए गए थे. गड्ढे में फंसे बच्चे को नुकसान न हो, इसके लिए खुदाई का काम मैन्युअली किया गया. (Rescue operation to save Rahul of Chhattisgarh )
नीचे पत्थर और गड्ढे का मुंह चौड़ा होने से राहत
बताया जा रहा है कि बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे का मुंह जरूर छोटा है, लेकिन अंदर से वह चौड़ा है. नीचे पत्थर भी लगे हैं. इसके कारण राहुल उसमें अटका हुआ है. संभवत: उसे काफी चोटें भी आई होंगी. इसके बाद भी उसने हिम्मत बांधी हुई है. NDRF की टीम अभी तक उस गड्ढे के पास में 60 फीट की खुदाई और कर चुकी है. इसमें 3 JCB को नीचे उतारा गया . देर रात से सुबह तक 10 फीट गड्ढे को और चौड़ा किया गया.
राहुल को बचाने में जुटा अमला: राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के मेजर गौतम सूरी के साथ ही 4 सदस्यीय टीम भी जुटी हुई है. इसके अलावा 4 IAS, 2 IPS, 5 एडिशनल SP, 4 SDOP, 5 तहसीलदार, 8 TIऔर 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32, SDRF से 15 और होमगार्ड के जवान मौजूद हैं। वहीं एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर और 2 जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है. दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है.
भूपेश बघेल ने शनिवार को भी की थी परिजनों से बात: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने राहुल के माता पिता से वीडियो कॉल कर बात की. जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी भी ली थी.
गुजरात से बुलाए गए रोबोट इंजीनियर: कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई थी. राहुल के पिता राम कुमार साहू ने सीएम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और मदद मांगी. कलेक्टर ने सीएम को बताया कि उनके निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजीनियर को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि इसी रोबोटे के माध्यम से गुजरात में एक बच्चे का सफल रेस्क्यू किया गया था. बातचीत के दौरान जिले के एसपी विजय अग्रवाल भी मौजूद थे.
कटक और बिलासपुर से पहुंची NDRF टीमें
कटक और बिलासपुर से NDRF की टीम भी मौके पर हैं. कोरबा,रायगढ़ से भी मशीने देर रात पहुंच गई थीं. आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग की है. रात को भी पूरी लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और एम्बुलेंस की टीम भी तैनात किया गया है. ऑक्सीजन सिलेंडर अतिरिक्त तौर पर रखा गया है. CCTV से कलेक्टर सहित अधिकारी नजर रखे हुए हैं. रात में बच्चे को खाने के लिए केला, फ्रूटी सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी. बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है.