रायपुर: छत्तीसगढ़ के आबकारी अधिकारी निरंजन दास और करिश्मा ढेबर, अनवर ढेबर और पिंकी सिंह सहित कई अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पिंकी सिंह का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने किया. पिंकी सिंह ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी. याचिकाकर्ता ने शराब अनियमितताओं के मामले में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को भी रद्द करने की मांग की है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा.
2019 से 2022 के मामलों की हो रही है जांच: ईडी 2019 से 2022 के बीच हुए कथित शराब घोटाले की जांच कर रही है. एजेंसी के अनुसार इस अवधि के दौरान कई तरीकों से भ्रष्टाचार हुआ. CSMCL खरीदी गई शराब के प्रत्येक मामले में डिस्टिलरों से रिश्वत वसूली गई. ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के आग्रह पर अपनी सीधी कार्रवाइयों से विभाग में भ्रष्टाचार के लिए छत्तीसगढ़ की पूरी शराब व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया. उन्होंने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिशन नीतिगत बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिए ताकि अधिकतम लाभ लिया जा सके.
अरुण पति त्रिपाठी पर लगे ये आरोप: ईडी ने आरोप लगाया है कि "एक वरिष्ठ आईटीएस अधिकारी और सीएसएमसीएल के एमडी होने के बावजूद अरुण पति त्रिपाठी किसी भी राज्य के आबकारी विभाग के कामकाज के लोकाचार के खिलाफ गए और बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य सरकार की ओर से संचालित दुकानों का इस्तेमाल किया.'' एजेंसी ने आगे आरोप लगाया है कि "अरुण त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों को 2000 करोड़ रुपए का घोटाला किया. अरुण पति त्रिपाठी को इस लूट में अच्छा खासा हिस्सा भी मिला.''
दरअसल ईडी ने रायपुर, भिलाई और मुंबई में तलाशी अभियान चलाया. नया रायपुर में 53 एकड़ जमीन मिली. इस जमीन की वैल्यू 21.60 करोड़ रुपये है. इस जमीन को अनवर ढेबर ने अवैध रूप से हासिल किया था. हाल की तलाशी के दौरान, 20 लाख रुपये की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.
(स्त्रोत-एएनआई)