रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए आज का दिन अहम है. सीएम भूपेश बघेल भी दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. दिल्ली जाने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि गुरुवार को केसी वेणुगोपाल का मुझे मैसेज आया था. आज राहुल गांधी से मुझे मिलना है. उनके निर्देश पर मैं वापस दिल्ली जा रहा हूं. इसके अलावा मुझे बाहर की कोई जानकारी नहीं है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधायक दिल्ली में जुट रहे हैं. इन विधायकों की आलाकमान के साथ बैठक हो सकती है. आज शाम करीब 4 बजे विधायकों की बैठक हो सकती है. छत्तीसगढ़ के आधे से ज्यादा कांग्रेस विधायक दिल्ली में हैं. विधायकों की दिल्ली में मौजूद केंद्रीय नेताओं से मुलाकात होनी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली दौरे पर हैं.
माना जा रहा है कि इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस से जुड़ी सियासी उठापठक को लेकर चर्चा हुई है. बैठक में क्या नतीजा निकला, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. हालांकि, प्रदेश सरकार के नेतृत्व के बारे में फैसले के संदर्भ में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बघेल कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से भी मुलाकात करेंगे. इस बीच, बघेल के समर्थक 30 से अधिक विधायक एवं पूर्व विधायक दिल्ली में मौजूद हैं. सूत्रों का कहना है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के मद्देनजर वे मुख्यमंत्री का समर्थन करने पहुंचे हैं.
करीब 20 विधायकों ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इन विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने और बघेल को ही मुख्यमंत्री बनाये रखने की पैरवी की है.
मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच चल चल रही तनातनी की स्थिति को देखते हुए विधायकों के दिल्ली पहुंचने से यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री की ओर से कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास है, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है.
बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, 'मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे हैं. हम आलाकमान से बात करेंगे. सभी विधायक एकजुट हैं.' पिछले दिनों बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर बघेल ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे.
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.
विधायकों के दिल्ली दौरे पर ये बोले सीएम भूपेश बघेल
विधायकों के दिल्ली जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि यह सब जानकारी मुझे मीडिया से मिली. इस विषय में मुझे ऑफिशियल कोई जानकारी नहीं है. सीएम ने कहा कि सब लोग अपने नेता से मिलने क्यों नहीं जा सकते? मुझे बुलाया गया है, इसलिए मैं जा रहा हूं. कई लोग बिना बुलाए अपने नेता से मिलने जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण लोगों का दिल्ली जाना नहीं हो पाया था. इसके बाद अभी लोग जा रहे हैं. वे अपने नेता से मुलाकात करेंगे. सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता के साथ हम जब सत्ता में नहीं थे, तब भी थे और अब भी हैं.
बैठक का ही असर है कि गुरुवार को एक-एक कर लगभग 40 विधायक दिल्ली पहुंच गए. इनमें 3 मंत्री भी दिल्ली में मौजूद हैं. खास बात ये हैं कि टीएस सिंहदेव दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. वहीं इससे पहले टीएस सिंहदेव के बयान ने इस बात को और बल दे दिया था कि आज या अगले 2 से 3 दिन में कोई बड़ा फैसला होने वाला है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि 'अगर कोई व्यक्ति किसी टीम में खेलता है तो क्या कप्तान बनने की बात दिमाग में नहीं आती है. हर आदमी के मन में यह बात आती है. लेकिन सवाल आदमी की सोच का नहीं है. सवाल आदमी की क्षमता और जिस टीम का वो हिस्सा है, हमारी पार्टी का हम हिस्सा हैं, हमारा आलाकमान तय करता है कि किसको क्या काम करना है'.
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सिंहदेव ने साफ कहा था कि 'जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाया जाएगा. आलाकमान तय करता है. कहीं प्रतिस्पर्धा रहती है तो वह स्वच्छ रहती है. जो जिम्मेदारी पार्टी देगी, उसे मैं निभाना चाहता हूं'.
इन मंत्री और विधायकों ने गुरुवार रात दिल्ली के लिए किया कूच
दिल्ली रवाना होने से पहले कांग्रेस विधायकों की बड़ी बैठक सर्किट हाउस में हुई. इसके बाद सभी विधायक सीएम हाउस पहुंचे. सीएम हाउस पहुंचने के बाद सभी विधायकों ने दिल्ली के लिए कूच किया. दिल्ली के लिए जिन विधायकों ने उड़ान भरी, उसमें चंद्रदेव राय, शकुंतला साहू, चिंतामणि महाराज, प्रकाश नायक, बृहस्पत सिंह, देवेंद्र यादव, यूडी मिंज, कुलदीप जुनेजा, गुलाब सिंह कमरो, शिशुपाल सोरी, आशीष छाबड़ा, विनोद चंद्राकर, विनय भगत, रेणु जोगी, गुरुदयाल बंजारे, किस्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव, दलेश्वर साहू, पुरषोत्तम कंवर और ममता चंद्राकर शामिल हैं.
प्रदेश की स्थिति पर हाईकमान से करेंगे बात : देवेंद्र यादव
वहीं गुरुवार शाम को दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर विधायक देवेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में लगातार छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं. दिल्ली में आलाकमान से यहां की स्थिति पर बात करने जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के विधायकों को नहीं बुलाया गया दिल्ली : मरकाम
इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने समाचार माध्यमों में चल रही उन खबरों का खंडन किया है कि कांग्रेस आलाकमान ने विधायकों को दिल्ली बुलाया है. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी विधायक है उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने भी ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी है कि प्रदेश के विधायकों को दिल्ली बुलाने की बातें गलत हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार है. कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार पूरी दृढ़ता से विधानसभा चुनाव के जनघोषणा पत्र के अपने वादों को पूरा करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ की जनता से सुशासन और जनसरोकारों वाली सरकार देने का वादा किया था. कांग्रेस की प्राथमिकता उन वादों को पूरा करने की है. छत्तीसगढ़ का हर कांग्रेसी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ देश की साम्प्रदायिक और विघटनकारी ताकतों के खिलाफ पूरी दृढ़ता से खड़ा है.
इससे पहले भी कई विधायक व मंत्री पहुंच चुके हैं दिल्ली
इससे पहले विकास उपाध्याय, अमरजीत भगत, शिव डहरिया, ताम्रध्वज साहू, अनिला भेड़िया, लक्ष्मी ध्रुव, रश्मि आशीष सिंह, मोहित केरकेट्टा, अनिता योगेंद्र शर्मा दिल्ली जा चुके हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली में छत्तीसगढ़ से गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टीएस सिंहदेव के पक्ष में नारेबाजी कर दी थी. इसमें कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया था... 'छत्तीसगढ़ डोल रहा है... बाबा बाबा बोल रहा है' इसके उलट जब दिल्ली से भूपेश बघेल लौटते हैं तो उनके समर्थक नारा लगाते हैं कि 'छत्तीसगढ़ अड़ा है भूपेश के साथ खड़ा है'. अब इस 'डोल' रहा है और 'अड़ा' है शब्द एक दूसरे के विपरीत अर्थ वाले हैं. दोनों का इस्तेमाल एक ही पार्टी के सदस्य कर रहे हैं तो इसके मायने साफ लगाया जा सकते हैं कि दरअसल इन नारों का इस्तेमाल भाजपा पर नहीं है. ये पार्टी के अंदर इस्तेमाल होने वाला अस्त्र था.