रायपुर: छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. ईडी की जांच के बाद अब अदालत की कार्रवाई जारी है. इस केस में पीएमएलए कोर्ट ने नए नोटिस जारी किए हैं. करीब 12 आरोपियों को नोटिस जारी किया गया है. इस केस में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. कोयला लेवी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने जांच की है. उसके बाद छत्तीसगढ़ में ईडी ने कोल लेवी स्कैम के एक कार्टेल का खुलासा किया था.
ईडी के वकील ने क्या कहा ?: बुधवार को रायपुर की अदालत में छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले में सुनवाई हुई. ईडी के वकील सौरव पांडेय ने बताया कि "जमानत पर चल रहे राजेश चौधरी को छोड़कर कोई भी आरोपी बुधवार को अदालत में पेश नहीं हुआ. कई आरोपियों के नोटिस बिना तामील हुए वापस कर दिए गए हैं, जबकि कुछ अन्य के खिलाफ अदालती समन तामील करने की सर्विस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.अदालत ने बाकी आरोपियों को नए सिरे से नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. करीब एक दर्जन आरोपियों के खिलाफ अदालत ने नये नोटिस जारी किये हैं"
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में ईडी की कार्रवाई में अब तक क्या हुआ: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में ईडी की कार्रवाई छत्तीसगढ़ में लगातार जारी है. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इस मामले में अब तक दो आरोप पत्र दायर किए हैं. इस केस में अब तक राज्य सरकार की अधिकारी सौम्या चौरसिया, आईएएस रानू साहू, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को ईडी ने गिरफ्तार किया था. जो अभी जेल में हैं. इसके अलावा कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी जिसे ईडी इस केस में मुख्य आरोपी मान रही है. उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी भी शामिल हैं. इन आरोपियों क साथ कुल 9 लोगों को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था.
कोल लेवी स्कैम में क्या है ईडी का दावा: कोल लेवी स्कैम की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं. ईडी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में करीब 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है. इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्तियों को बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया था. ईडी ने अपनी जांच में यह भी कहा था कि छत्तीसगढ़ में कोल लेवी के लिए अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का एक कार्टेल था. जो कोयला परिवहन के जरिए प्रति टन 25 रुपये की वसूली में शामिल था. सूबे में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली की जा रही थी.