राजनांदगांव: मोहला मानपुर में सड़क पर कुछ पर्चे मिले. पर्चे में बिरजू ताराम की हत्या की जिम्मेदारी लेने की बात कही गई हैं. इसके साथ ही इस पर्चे में और भी कई बड़ी बातों का जिक्र किया गया हैं. पर्चे मानपुर थाना के मालहर गांव के पास फेंके गए हैं.
किसने फेंके पर्चे: सड़क पर मिले इन पर्चों को नक्सली पर्चा बताया जा रहा है. कथित नक्सली पर्चे में भाकपा माओवादी आरकेबी डिविजन कमेटी का नाम लिखा गया है. उन्होंने लिखा है कि बीजेपी और आरएसएस से संपर्क रखने वाले बिरजू ताराम की नक्सलियों ने ही हत्या की. पर्चे में आगे लिखा है कि जो भी उनसे वोट मांगेगा उनका हाल बिरजू तारम जैसे ही होगा. नक्सलियों ने एक बार फिर चुनाव बहिष्कार करने की बात भी पर्चे में लिखी. भाकपा माओवादी आरकेबी डिविजन कमेटी ने एक सादे पेपर में ये बातें लिखकर फेंकी हैं.
कथित नक्सली पर्चे की जांच कर रही पुलिस: मालहर गांव के पास मिले कथित नक्सली पर्चे मोहला मानपुर पुलिस के पास भी पहुंचे. सादे सफेद पेपर में लिखे होने के कारण पुलिस इन फेंके गए कथित नक्सली पर्चों की सच्चाई पता करने में जुट गई हैं.
क्षेत्र में कुछ पर्चा मिलने की सूचना है. जिस पर पुलिस की टीम को भेजा गया है. पूरे क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है. इस कथित नक्सली पर्चे के बारे में जांच की जा रही है. प्रशांत कतलम, एडिशनल एसपी नक्सल, मोहला मानपुर
बीजेपी नेता बिरजू तारम की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या: 20 अक्टूबर को औंधी थाना क्षेत्र के सरखेड़ा में देर शाम देर शाम भाजपा नेता बिरजू तारम की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस इसे नक्सली घटना से जोड़ते हुए जांच कर रही है. इस बीच ये कथित नक्सली पर्चा मिलने के बाद पुलिस की जांच और तेज हो सकती हैं.
भाजपा ने बताया टारगेट किलिंग: मोहला मानपुर में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या को भाजपा ने टारगेट किलिंग बताया है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ की तुलना बंगाल से की तो छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इसे सत्ता के लिए राजनीतिक हत्या करना बताया. साव ने दावा किया कि ताराम ने अपनी जान को खतरा भांपते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी लेकिन उसे सुरक्षा नहीं दी गई.
भूपेश बघेल ने NIA से की जांच की मांग: भाजपा के आरोपों पर सीएम भूपेश ने पलटवार करते हुए बीजेपी को पूरे मामले की जांच एनआईए से कराने की सलाह दी है. बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की जांच पर भाजपा नेताओं को भरोसा नहीं है ऐसे में वे एनआईए से इसकी जांच करा सकते हैं. इससे पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी.