पटना : उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया. चार दिनों तक चले छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है. अगले दिन खरना के बाद से छठ व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास करते हैं.
खरना के अगले दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और अंतिम दिन उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 2020 के कार्तिक माह का छठ महापर्व आस्था और श्रद्धा की अनूठी परंपरा के सदियों के विश्वास के साथ कोरोना महामारी के बीच संपन्न हो गया.
2020 के लिए सभी छठ व्रतियों ने खुद और देश के तमाम लोगों के स्वास्थ्य व समृद्धि की मंगल कामनाएं की हैं. हर साल छठ पर्व के बाद लोग इस विश्वास के साथ नए कार्य की शुरुआत करते हैं कि छठी मइया उनकी हर मुराद पूरी करेंगी.