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जयकारों के साथ हुआ छड़ी मुबारक का शानदार स्वागत - छड़ी मुबारक का हुआ शानदार स्वागत

विशेष पूजा अर्चना के लिए पवित्र 'छड़ी मुबारक' रविवार को मार्तंड सूर्य मंदिर मट्टन पहुंची. यहां सभी धर्मों के लोगों ने इसका स्वागत किया. नौ अगस्त को छड़ी मुबारक चंदनवाड़ी जाएगी.

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छड़ी मुबारक का हुआ शानदार स्वागत
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Published : Aug 7, 2022, 6:07 PM IST

बारामूला : श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के मद्देनज़र मार्तंड सूर्य मंदिर मट्टन में छड़ी मुबारक का आगमन हुआ. कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों ने छड़ी मुबारक का स्वागत किया. छड़ी महंत दीपेंद्र गिरी की देखरेख में मट्टन पहुंची. पहलगाम होते हुए छड़ी पवित्र गुफा तक पहुंचेगी. श्रावण पूर्णिमा पर पवित्र गुफा में अंतिम दर्शन के साथ अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी.

देखिए वीडियो

सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में साधुओं और भक्तों की उपस्थिति में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए गए. महंत के मुताबिक सात और आठ अगस्त को पहलगाम, नौ अगस्त को चंदनवाड़ी, 10 अगस्त को शेषनाग और 11 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम होगा. जहां से यह पवित्र गुफा तक पहुंचाई जाएगी.

दीपेंद्र गिरि ने कहा, 'हमने पंपोर में और बिजबेहरा में शिवाजी महाराज हरिश्चंद्रन मंदिर के पुराने मंदिर में पूजा की, जहां पिछले पांच वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा था, इसके अलावा मार्तंड सूर्य भवन में भी पूजा की गई. उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 30 वर्षों से सेवा कर रहा हूं और जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा सहयोग किया है और मदद की है.'

पढ़ें- अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से तीर्थयात्रियों का कोई नया जत्था नहीं हुआ रवाना

बारामूला : श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के मद्देनज़र मार्तंड सूर्य मंदिर मट्टन में छड़ी मुबारक का आगमन हुआ. कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों ने छड़ी मुबारक का स्वागत किया. छड़ी महंत दीपेंद्र गिरी की देखरेख में मट्टन पहुंची. पहलगाम होते हुए छड़ी पवित्र गुफा तक पहुंचेगी. श्रावण पूर्णिमा पर पवित्र गुफा में अंतिम दर्शन के साथ अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी.

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सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में साधुओं और भक्तों की उपस्थिति में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए गए. महंत के मुताबिक सात और आठ अगस्त को पहलगाम, नौ अगस्त को चंदनवाड़ी, 10 अगस्त को शेषनाग और 11 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम होगा. जहां से यह पवित्र गुफा तक पहुंचाई जाएगी.

दीपेंद्र गिरि ने कहा, 'हमने पंपोर में और बिजबेहरा में शिवाजी महाराज हरिश्चंद्रन मंदिर के पुराने मंदिर में पूजा की, जहां पिछले पांच वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा था, इसके अलावा मार्तंड सूर्य भवन में भी पूजा की गई. उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 30 वर्षों से सेवा कर रहा हूं और जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा सहयोग किया है और मदद की है.'

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